22 साल की माहसा की मौत के बाद लगातार सुलग रहा है ईरान, हिजाब से आजादी के बाद अब उठ रही है अलग मुल्क की मांग

22 साल की माहसा की मौत के बाद लगातार सुलग रहा है ईरान, हिजाब से आजादी के बाद अब उठ रही है अलग मुल्क की मांग
ईरान की हिजाब क्रांति 22 साल की माहसा की मौत के बाद लगातार सुलग रहा है ईरान, हिजाब से आजादी के बाद अब उठ रही है अलग मुल्क की मांग
हाईलाइट
  • कुर्दिस्तान में हो रहे सबसे ज्यादा प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान में हिजाब को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। देश के कई हिस्सों में इसको लेकर लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं। राजधानी तेहरान समेत अन्य स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुई। प्रदर्शन इतने बढ़ गए कि पुलिस को भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को आंसू गैस और फायरिंग तक का सहारा लेना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस फायरिंग में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं 80 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। 

आखिर क्या है इस विरोध प्रदर्शन की वजह 

लोगों द्वारा किए जा रहे इन प्रदर्शनों की वजह 22 साल की ईरानी लड़की माहसा अमीनी की पुलिस कस्टडी में हुई मौत है। दरअसल, 13 सितंबर को तेहरान में अमीनी को हिजाब सही तरीके से न पहनने के चलते मॉरल पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जहां पुलिस कस्टडी में उसकी मौत हो गई थी। प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि अमीनी को पुलिस ने हिरासत में रखकर यातनाएं दीं, जिसके कारण वह कोमा में चली गईं और 16 सितंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया। माहसा आमीनी की मौत के बाद देश के लोगों खासकर महिलाओं में गुस्सा भड़क गया। इस पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में महिलाएं देश में जगह-जगह हिजाब को आग लगा रही हैं और अपने बाल कटवा रही हैं। साथ ही इसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रही हैं। प्रदर्शन कर रही महिलाओं की मांग है कि देश में हिजाब पहनना अनिवार्य करने की जगह वैकल्पिक किया जाये। 

पुलिस ने किया माहसा को प्रताड़ित करने वाली खबरों का खंडन

तेहरान पुलिस ने मृतक माहसा अमीनी की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इसके साथ ही पुलिस द्वारा माहसा को अपनी कस्टडी में शारीरिक रुप से प्रताड़ित करने की खबरों का खंडन किया। पुलिस के शीर्ष अधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि माहसा की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है और हम चाहते हैं कि ऐसी घटना फिर कभी न हो। प्रदर्शनकारियों ने जो आरोप पुलिस पर लगाए हैं वो गलत हैं। मृतक महिला की मौत बीमारी की वजह से हुई है न कि पुलिस द्वारा प्रताड़ित करने की वजह से। 

कुर्दिस्तान में हो रहे सबसे ज्यादा प्रदर्शन

मरने वाली माहसा अमीनी कुर्द मूल की थीं। इसलिए देश के पश्चिमी इलाके जहां कुर्द आबादी सबसे ज्यादा रहती है, उनकी मौत के बाद यहीं से विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हुई। यहां रहने वाले लोग पहले से ही ईरान सरकार से नाखुश रहते हैं और पिछले कई सालों से अलग देश कुर्दिस्तान बनाने की मांग कर रहे हैं। कुर्दिस्तान के लोगों के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए यहां के कई इलाकों से उनको गिरफ्तार किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 250 से ज्यादा लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस द्वारा कुर्द लोगों को ऑपरेशन चलाकर गिरफ्तार किया जा रहा है। माहसा जिस शहर साकेज की रहने वाली थीं, वहां पुलिस की फायरिंग में 5 लोग मारे गए हैं। मरने वालों में 2 लड़के व 3 महिलाएं शामिल हैं।

सरकार और सर्वोच्च धार्मिक नेता के खिलाफ लगाए जा रहे नारे

प्रदर्शनकारी सरकार के साथ ही देश के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह अली खामनोई के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। इन्हीं नारों की वजह से पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर फायरिंग की। लोगों का कहना है कि इस देश में लोकतंत्र बस नाम का है क्योंकि सरकार को चुना तो लोकतांत्रिक तरीके से जाता है लेकिन देश से जुड़े सभी अहम निर्णय खामनेई लेते हैं। बता दें कि 83 साल के खामनेई 1981 से 1989 तक देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं। उन्हें 70 के दशक के अंत में हुई इस्लामिक क्रांति का जनक भी कहा जाता है। इस क्रांति से पहले देश में महिलाओं को काफी आजादी थी, लेकिन अब ईरान में बहुत सख्त धार्मिक कानून हैं, जिसके चलते महिलाओं पर तमाम तरह की पाबंदियां हैं। 

हिजाब को लेकर ईरान में बहुत सख्त हैं नियम

ईरान में शरिया कानून लागू है। इस कानून के अंतर्गत सात साल से ज्यादा उम्र की लड़की को बाल खोलकर घर से बाहर निकलने और ढीले कपड़े पहनने की आजादी नहीं है। इसी साल जुलाई में देश के राष्ट्रपति रईसी ने देश में हिजाब कानून लागू किया था। इसके चलते महिलाएं बिना हिजाब के घर से बाहर नहीं निकल सकतीं। अगर महिलाएं हिजाब न पहने हुए बाहर निकलती हैं तो उनसे जुर्माना वसूलने या उनको गिरफ्तार करने का प्रावधान है। माहसा को पुलिस ने इसी कानून को तोड़ने के जुर्म में गिरफ्तार किया था।  

महिलाओं के विरोध प्रदर्शन से बैकफुट पर सरकार!

माहसा अमीनी की मौत के बाद महिलाओं द्वारा किए प्रदर्शनों से ईरान की सरकार बैकफुट पर पहुंच गई है। विरोध को देखते हुए सरकार ने पुलिस के चीफ को पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया है। साथ ही दिनों दिन उग्र हो रहे प्रदर्शनों को देखते हुए सरकार ने देश के बड़े शहरों में पुलिसबल की तैनाती बढ़ा दी है।  

Created On :   20 Sept 2022 6:22 PM IST

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