भारतीय निवेश को लेकर आपस में भिड़े श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री

argument between sri lankan president and pm on indias investment for development of colombo port
भारतीय निवेश को लेकर आपस में भिड़े श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री
भारतीय निवेश को लेकर आपस में भिड़े श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री
हाईलाइट
  • इन दोनों के बीच श्रीलंका में भारतीय निवेश को लेकर बहस हुई है।
  • यह बहस कोलंबो पोर्ट पर ईस्ट कंटेनर टर्मिनल को भारतीय निवेश से डेवलप करने को लेकर हुई है।
  • श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे आपस में भिड़ गए।

डिजिटल डेस्क, कोलंबो। बुधवार को श्रीलंका में उस वक्त एक विचित्र स्थिति उत्पन्न हो गई, जब वहां के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे आपस में भिड़ गए। मीडिया रिपोर्ट्स ने सूत्रों के हवाले से खबर देते हुए कहा कि इन दोनों के बीच श्रीलंका में भारतीय निवेश को लेकर बहस हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बहस कोलंबो पोर्ट पर ईस्ट कंटेनर टर्मिनल को भारतीय निवेश से डेवलप करने को लेकर हुई है। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार को श्रीलंका में आयोजित हुई कैबिनेट बैठक में मंत्रियों ने पोर्ट को डेवलप करने को लेकर अपनी-अपनी राय रखी। इस दौरान श्रीलंका के पोर्ट और शिपिंग मंत्री महिंद्रा समारसिंघे ने कैबिनेट के सामने प्रस्ताव रखा कि कोलंबो पोर्ट को विकसित करने की जिम्मेदारी अपने देश में ही रहने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी श्रीलंका पोर्ट अथॉरिटी को दी जानी चाहिए। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना भी इस प्रस्ताव से सहमत दिखे। राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय निवेश से श्रीलंका पोर्ट पर उसके अधिकार को खतरा हो सकता है। 

वहीं बैठक के दौरान श्रीलंका के डेवलपमेंट स्ट्रैट्जी और इंटरनेशनल ट्रेड मिनिस्टर मलिक समाराविक्रमा ने भारतीय निवेश से पोर्ट को डेवलप करने की वकालत की। इस निर्णय को वहां के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी सपोर्ट किया। प्रधानमंत्री के अनुसार इससे पोर्ट को ज्यादा विकसित होने में मदद मिलेगी। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में बहस हो गई और विवाद का रूप ले लिया।

बता दें कि श्रीलंका ने पहले भी अपना एक पोर्ट दूसरे देश को लीज के तौर पर दे चुकी है। हंबनटोटा नाम के इस पोर्ट को श्रीलंका ने चीनी कंपनी को लीज के तौर पर दिया था। हालांकि श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने तब भी इसका विरोध किया था। राष्ट्रपति ने कहा कि हाल ही में नेपाल में आयोजित हुए BIMSTEC सम्मेलन में कोलंबो पोर्ट को विकसित करने को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर चुके हैं और अपना पक्ष बता चुके हैं।

 

Created On :   17 Oct 2018 1:51 PM GMT

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