ब्रिटिश संसद ने दूसरी बार खारिज की प्रधानमंत्री थेरेसा की ब्रेग्जिट डील
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ब्रिटेन की संसद ने प्रधानमंत्री थेरेसा मे. के ब्रेग्जिट करार को दूसरी बार खारिज कर दिया है। ब्रिटिश संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमंस’ ने 242 के मुकाबले 391 वोटों से इस डील को खारिज किया है। इससे पहले प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने अपनी कन्जर्वेटिव पार्टी के सांसदों से अपील की थी कि वे अपनी "निजी प्राथमिकताओं" को दरकिनार कर इस समझौते पर एकजुट हों।
British Parliament rejected Prime Minister Theresa May"s Brexit deal for a second time, 17 days before it is due to split from the European Union
— ANI Digital (@ani_digital) March 12, 2019
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ब्रिटेन को 29 मार्च को 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ से अलग होना है, लेकिन थेरेसा मे इस संबंधी समझौते को लेकर संसद में समर्थन हासिल करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। थेरेसा ने पिछले महीने अपनी पार्टी के सभी 317 सांसदों को पत्र लिखकर अपील की थी कि वे "निजी प्राथमिकताओं" को दरकिनार करें। उन्होंने चेताया भी था कि अगर ब्रिटेन बिना किसी समझौते के EU से बाहर निकलता है तो इससे हमारी अर्थव्यवस्था और आमजन के दैनिक जीवन पर बुरा असर पड़ेगा। इससे देश और यूरोपीय संघ में रोजगार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
ब्रिटेन के पास सिर्फ 17 दिन का समय
आपको बता दें कि, ब्रिटेन के ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ ने जनवरी में भी समझौते को खारिज कर दिया था। यूरोपीय संघ से अलग होने की तय तारीख में महज 17 दिन का समय बचा है, ऐसे में जिस तरह से एक बार फिर ब्रिटेन की संसद ने ब्रेग्जिट करार को खारिज किया है, उसके बाद देश में अनिश्चितता का माहौल है। इससे पहले ब्रेग्जिट पर यूरोपीय यूनियन से वार्ता को लेकर ब्रिटेन की संसद में थेरेसा मे के प्रस्ताव के खिलाफ 303 सांसदों ने वोट किया था। जबकि समर्थन में 258 वोट पड़े थे।
"नई योजना पर विचार कर सकती है संसद"
वहीं संसद में दूसरी बार हार के बाद लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने कहा, थेरेसा को अपनी नाकाम ब्रेग्जिट पॉलिसी को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा, अगर वो ब्रेग्जिट मामले को लेकर नई योजना के साथ आती हैं, तो संसद पर इस पर विचार कर सकती है। गौरतलब है कि, 23 जून 2016 को यूके में एक जनमत संग्रह हुआ था। यह इस बात से जुड़ा था कि इसे यूरोपीय संघ का हिस्सा रहना चाहिए या फिर छोड़ देना चाहिए। जनमत संग्रह में 52 प्रतिशत लोगों ने वोट किया और कहा कि यूके को यूरोपीय संघ से बाहर आ जाना चाहिए। 48 प्रतिशत लोगों ने इसमें बने रहने के पक्ष में वोट किया था।
Created On :   13 March 2019 10:08 AM IST