आर्थिक, स्वास्थ्य न्याय के साथ जलवायु संकट से भी निपटें : जी 7

Deal with climate crisis with economic, health justice: G7
आर्थिक, स्वास्थ्य न्याय के साथ जलवायु संकट से भी निपटें : जी 7
आर्थिक, स्वास्थ्य न्याय के साथ जलवायु संकट से भी निपटें : जी 7
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वाशिंगटन, 13 सितम्बर (आईएएनएस)। ग्रुप ऑफ सेवन (जी 7) की वार्षिक बैठक के समापन पर इसके वक्ताओं और संसद के प्रमुखों ने स्वास्थ्य और वित्तीय सुरक्षा में असमानताओं से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करने पर सहमति व्यक्त की है। ऐसा जलवायु संकट और कोविड-19 महामारी के मद्देनजर कहा गया है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड सांद्रता (कन्सन्ट्रेशन) औसत स्तर पर अब तक सबसे ज्यादा दर्ज किए गए।

शनिवार को वर्चुअल रूप से आयोजित जी 7 वक्ताओं की बैठक समाप्त होने के बाद एक संयुक्त घोषणा में कहा गया, हम जी 7 के सदस्य देशों के वक्ता/ संसद के अध्यक्ष पुष्टि करते हैं कि कोविड-19 महामारी और जलवायु संकट को लेकर एक मजबूत और समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।

बैठक में सभी जी 7 देशों और यूरोपीय संघ की भागीदारी रही।

घोषणा में कहा गया, कानून पारित करके, राष्ट्रीय बजटों को मंजूरी देकर और सरकारों, संसद को जवाबदेह करना हमारे नागरिकों और पर्यावरण की भलाई के लिए देशों की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण तत्व हैं।

इसमें आगे कहा गया कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में नेताओं के रूप में, हम अपने बच्चों और पोते और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ, स्वच्छ और टिकाऊ वातावरण प्रदान करने के लिए तत्परता से काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

संयुक्त घोषणा में कहा गया कि 12 सितंबर, 2020 तक, कोविड-19 के 2.8 करोड़ से अधिक अधिक पुष्टि किए गए मामले सामने आए और इस बीमारी से दुनिया भर में 900,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

इसमें जिक्र किया गया कि महामारी ने लोगों के आम जनजीवन को प्रभावित किया है और हमारी अर्थव्यवस्थाओं को अस्थिर कर दिया है। हम घोषणा करते हैं कि कोविड -19, वैक्सीन विकास और इसके समान वितरण सहित हमारी प्रतिक्रिया, विज्ञान और चिकित्सा पर आधारित होगी, जो मुनाफे के बजाय व्यापक पहुंच पर केंद्रित है।

घोषणा में कहा गया कि जी 7 राष्ट्रों के रूप में, हमारा नैतिक, वैज्ञानिक और आर्थिक कर्तव्य है कि हम इस वैश्विक प्रतिबद्धता के लिए अगुवा के रूप में आगे आकर सेवा करें।

बयान में कहा गया, दुर्भाग्य से, जलवायु संकट रुका नहीं है क्योंकि सरकारें महामारी से निपटने में लगी हैं। हमारे देश जलवायु आपातकाल की अनदेखी नहीं कर सकते, जब हम कोविड -19 महामारी द्वारा प्रस्तुत तत्काल संकट से निपटने में लगे हैं।

इसमें कहा गया, स्वास्थ्य और जलवायु दोनों संकट हैं और सरकार द्वारा अभूतपूर्व कदम उठाने की आवश्यकता है।

बयान में कहा गया कि संसदों ने महामारी के मद्देनजर आर्थिक संकट से उबरने के लिए कानून विकसित किया है और दीर्घकालिक आर्थिक सुधार हो सकते हैं।

तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने एक वीडियो संदेश में भाग लेने वाले राष्ट्रों से कहा कि उन्हें पूरी दुनिया को एक-दूसरे पर निर्भर होने और पूरे सात अरब मनुष्यों को एक समुदाय के बारे में सोचना चाहिए।

इसमें शामिल होने वालों में अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी, कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर एंथनी रोटा, यूरोपीय संसद के अध्यक्ष डेविड मारिया सासोली, फ्रांस के नेशनल असेंबली के अध्यक्ष रिचर्ड फेरैंड, जर्मन बुंडेस्टैग के अध्यक्ष वोल्फगैस स्कैलेबल, इटली के चैंबर ऑफ डेप्युटी अध्यक्ष रॉबर्तो फिको, जापान के प्रतिनिधि सदन के अध्यक्ष टाडामोरी ओशिमा और ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स स्पीकर लिंडसे हॉयल रहे।

वीएवी-एसकेपी

Created On :   13 Sep 2020 7:00 AM GMT

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