FB डेटा लीक : विसलब्लोअर का दावा- कैंब्रिज एनालिटिका ने भारत में कांग्रेस के लिए किया था काम

FB Data Leak : whistleblower claims congress connection to Cambridge Analytica
FB डेटा लीक : विसलब्लोअर का दावा- कैंब्रिज एनालिटिका ने भारत में कांग्रेस के लिए किया था काम
FB डेटा लीक : विसलब्लोअर का दावा- कैंब्रिज एनालिटिका ने भारत में कांग्रेस के लिए किया था काम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फेसबुक यूजर्स के डेटा लीक मामले में कैंब्रिज एनालिटिका फर्म से कनेक्शन पर अभी बीजेपी-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल ही रहा था कि एक और नए खुलासे ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है। डेटा लीक मामले का खुलासा करने वाले विसलब्लोअर क्रिस्टोफर वाइली ने मंगलवार को कहा है कि कैंब्रिज एनालिटिका ने भारत में कई प्रोजेक्ट पर काम किए हैं और शायद यह प्रोजेक्ट वहां के राजनीतिक दल कांग्रेस के थे। वाइली ने यह दावा ब्रिटिश संसद में किया। वाइली को मंगलवार को ब्रिटिश संसद ने इस मामले में गवाही के लिए बुलाया गया था।

हाउस ऑफ कामंस की डिजिटल, सांस्कृतिक, मीडिया और खेल समिति के सामने अपनी गवाही देते हुए वाइली ने बताया, "कैंब्रिज एनालिटिका फर्म का भारत में कार्यालय है। फर्म ने वहां ढेरों प्रोजेक्ट लिए। इनमें राष्ट्रीय प्रोजेक्ट थे या नहीं ये तो नहीं कह सकता लेकिन भारत में कई बड़े-बड़े राज्य हैं इनमें चुनावों के दौरान डेटा फर्म ने कई प्रोजेक्ट को अपने हाथ में लिया था। शायद भारत का प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस डेटा फर्म की क्लाइंट थी।" गवाही के दौरान वाइली ने समिति से डेटा फर्म के भारत से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध कराने की पेशकश भी की।

क्रिस्टोफर वाइली के इस अहम खुलासे के बाद बीजेपी ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है। सुचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि डेटा लीक मामले में क्रिस्टोफर वाइली के इस खुलासे के बाद राहुल गांधी एक्सपोज हो गए हैं। उन्होंने कहा, "साबित हो गया है कि कांग्रेस ने कैंब्रिज एनालिटिका की सर्विस का यूज किया है। इस कृत्य के लिए राहुल गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए।"

क्या है कैंब्रिज एनालिटिका
कैंब्रिज एनालिटिका ब्रिटेन की एक डेटा एनालैसिस फर्म है। यह करीब 500 अरब डॉलर की कंपनी है। कैंब्रिज एनालिटिका एक सरकारी और सैन्य ठेकेदार SCL ग्रुप का हिस्सा है, जो खाद्य सुरक्षा अनुसंधान से लेकर राजनीतिक मसलों पर काम करता है।  खासकर कंपनी को चुनावी डेटा खंगालने और उसका विश्लेषण करने के लिए जाना जाता है। कैंब्रिज एनालिटिका राजनीतिक और कॉर्पोरेट कस्टमर्स को उपभोक्ता अनुसंधान से लेकर, लक्ष्य आधारित ऐडवर्टाइजिंग और अन्य डेटा-संबंधित सेवाएं देती है। इस कंपनी के कई जगहों पर ऑफिस हैं, जिनमें न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन, लंदन, ब्राजील और मलेशिया शामिल हैं।

क्यों लग रहे हैं काम करने के तरीके पर आरोप
कैंब्रिज एनालिटिका डेटा एनालैसिस की सफलतम फर्मों में से एक है। 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डॉनल्ड ट्रंप की अप्रत्याशित जीत का श्रेय भी कैंब्रिज एनालिटिका को दिया जाता है। फर्म की वेबसाइट पर उसके तमाम अचीवमेंट मौजूद हैं। हालांकि अब उसके काम करने के तरीकों पर सवाल उठ रहे हैं। फर्म पर डेटा चोरी, डेटा का दुरुपयोग और फेक न्यूज का रास्ता अपनाकर अपना टार्गेट पूरा करने के आरोप लगे हैं।

फर्म पर सबसे बड़ा आरोप यह है कि उसने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारियों को अवैध तरीके से हासिल किया और फिर यूजर्स की पसंद-नापसंद के आधार पर कैंपेनिंग की। साथ ही वोटर्स की राय को मैनिप्युलेट करने का भी काम किया। बता दें कि इन आरोपों के बाद कंपनी ने अपने चीफ एक्जीक्यूटिव अलेक्जेंडर निक्स को सस्पेंड कर दिया है।

यह भी कहा जा रहा है कि यह फर्म मतदाताओं की साइकोलॉजिकल प्रोफाइल बनाती है, जिससे चुनावों में इसके क्लाइंट को मदद मिलती है। साइकोलॉजिकल प्रोफाइलिंग के द्वारा सबसे पहले लोगों के राजनीतिक रुझान और अन्य तरह की रुचियों का पता लगाया जाता है और फिर जिस भी पार्टी के लिए उसे लोगों को प्रभावित करना है, उस पार्टी के पक्ष में उस तरह की खबरों या सूचनाओं को भेजती है जो उस व्यक्ति के रुझान से मेल खाता हो। ये खबरें झूठी, सच्ची या आधी-अधूरी भी हो सकती हैं।

भारत में क्यों मचा है बवाल
भारत में कैंब्रिज एनालिटिका की पार्टनर कंपनी ओवलीनो बिजनेस इंटेलीजेंस (ओबीआई) है, जो यहां एनालिसिस का काम देखती है। भारत में इसे जेडीयू नेता केसी त्यागी के बेटे अमरीश त्यागी संभालते हैं। ओबीआई के अनुसार, बीजेपी, कांग्रेस और जेडीयू उसके क्लाइंट रहे हैं। बीजेपी ने कैंब्रिज एनालिटिका से कांग्रेस के कनेक्शन का दावा किया था। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस डेटा फर्म की मदद ले रही है। सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी के प्रति बदलते रूख और राहुल के बढ़ते फॉलोअर्स को भी इस फर्म की देन बताया जा रहा है। उधर कांग्रेस का कहना है कि कैंब्रिज एनालिटिका की क्लाइंट कांग्रेस नहीं बल्कि बीजेपी है। 2010 के बिहार चुनाव में बीजेपी ने इस एजेंसी की सेवाएं ली थीं। उस समय बीजेपी का जेडीयू के साथ गठबंधन था।
 

Created On :   27 March 2018 6:38 PM GMT

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