अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के निजी आवास पर एफबीआई की छापेमारी

FBI raids US President Joe Bidens private residence
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के निजी आवास पर एफबीआई की छापेमारी
राष्ट्रपति के घर पर रेड अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के निजी आवास पर एफबीआई की छापेमारी
हाईलाइट
  • अमेरिकी न्याय विभाग कर रहा है जांच

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के निजी आवास पर एफबीआई ने छापेमारी की। राष्ट्रपति के घर पर एफबीआई की छापेमारी को गोपनीय दस्तावेजों से जोड़ा जा रहा है। रेड जो बाइडेन के डेलावेयर स्थित आवास पर पड़ी।  बताया जा रहा एफबीआई रेड में किसी भी प्रकार का  गोपनीय दस्तावेज बरामद नहीं हुए हैं। हालांकि राष्ट्रपति के अटॉर्नी ने रेड को पूरा सहयोग देने की बात कही, उनका कहना है कि ये छापेमारी करीब तीन घंटे चली।  सीक्रेट दस्तावेजों की जानकारी सिर्फ अधिकृत अधिकारियों को ही पता होती है।

पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के घर पर भी पड़ चुकी है छापेमारी

आपको बता दें इससे पहले अमेरिकीय पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित घर से 11000 से अधिक सीक्रेट सरकारी दस्तावेज बरामद हुए थे। जिनमें विदेशों में हुए टॉप सीक्रेट ऑपरेशन से जुड़े हुए दस्तावेज भी थे।

रेड में बाइडेन की बारी

आपको बता दें  बाइडेन पर आरोप हैं कि उन्होंने उपराष्ट्रपति कार्यकाल 2009 से 2016 के बीच अपने निजी दफ्तर और घर में गोपनीय दस्तावेज रखे हुए थे। जिसकी जांच अमेरिकी न्याय विभाग कर रही है। हालांकि अभी तक दस्तावेजों क्या था, ऐसी कोई भी डिटेल सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि 2017 से 2019 के बीच बाइडेन जब पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के मानद प्रोफेसर थे, तब उन्होंने इनका इस्तेमाल किया था।  

क्या होते हैं गोपनीय दस्तावेज ?

द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के हवाले से आज तक निजी न्यूज चैनल की खबर के मुताबिक, गोपनीय दस्तावेज उन्हें कहा जाता है, जिनमें संवेदनशील जानकारी हो और इनके सबके सामने आने से अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेशी संबंधों को नुकसान पहुंचने के खतरे की आशंका रहती है। सेंकड वर्ल्ड वार के बाद से अमेरिका में ऐसे गोपनीय दस्तावेजों को संरक्षित किए जाना लगा।  गोपनीय जानकारी को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काफी अहम माना जाता है। अमेरिका में गोपनीय दस्तावेजों को तीन श्रेणियों में रखा गया है।

1- कॉन्फिडेंशियल- Classified documents की यह सबसे निचली श्रेणी है। माना जाता है कि इन सूचनाओं के बाहर आने से राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंच सकता है. हालांकि, सरकारी कर्मचारियों समेत हजारों लोगों की पहुंच इस जानकारी तक होती है। इसमें स्टेट डिपार्टमेंट या किसी विदेशी सरकार द्वारा प्रदान की गई जानकारी शामिल हो सकती है। हालांकि, भले ही इसमें अत्यधिक संवेदनशील जानकारी शामिल नहीं होती।

2- सीक्रेट- कॉन्फिडेंशियल से ज्यादा संवेदनशील जानकारी सीक्रेट में रखी जाती है। इसमें ऐसी जानकारी होती है, जिसके लीक होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पहुंचने की आशंका रहती है। इसमें अमेरिकी खुफिया एजेंसी का बजट जैसी जानकारियां शामिल होती हैं।

3- टॉप सीक्रेट- टॉप सीक्रेट Classified documents में अमेरिकी खुफिया जानकारियां शामिल होती हैं।  सबसे संवेदनशील जानकारी होने के कारण इस तक सीमित लोगों की ही पहुंच होती है।  इसमें गुप्त सोर्स से मिली जानकारी को खुफिया तरीके से सेव रखा जाता है। माना जाता है कि इन जानकारियों के लीक होने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होने के साथ साथ निजी स्रोत भी खतरे में पड़ सकते हैं।

Created On :   2 Feb 2023 8:48 AM IST

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