आजादी के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान एक साथ करेंगे सैन्य अभ्यास

India and Pakistan are going to be doing military exercises together
आजादी के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान एक साथ करेंगे सैन्य अभ्यास
आजादी के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान एक साथ करेंगे सैन्य अभ्यास
हाईलाइट
  • आजादी के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान एक साथ सैन्य अभ्यास करने जा रहे है।
  • आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के मकसद से इस अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है।
  • रूस में सितंबर में होने वाले बहु-राष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारत
  • पाकिस्तान
  • चीन सहित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सभी देश हिस्सा लेंगे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आजादी के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान एक साथ सैन्य अभ्यास करने जा रहे है। रूस में सितंबर में होने वाले बहु-राष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में  भारत, पाकिस्तान, चीन सहित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सभी देश हिस्सा लेंगे। आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के मकसद से इस अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है। बता दें कि SCO चीन के वर्चस्व वाला सुरक्षा समूह है, जिसे अब नाटो की बराबरी कर सकने वाली संस्था के तौर पर देखा जा रहा है।

आतंकवाद से निपटना है मकसद
अधिकारियों ने बताया कि SCO की रूपरेखा के तहत ये सैन्य अभ्यास किया जाएगा। उन्होंने कहा यह अभ्यास रूस के उराल पर्वत क्षेत्र पर आयोजित किया जाएगा और एससीओ के लगभग सभी सदस्य इसका हिस्सा बनेंगे। अधिकारियों ने कहा कि अभ्यास का मुख्य मकसद एससीओ के आठ सदस्य देशों के बीच आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाना है। मालूम हो कि  पिछले हफ्ते बीजिंग में SCO सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत के इस अभ्यास में भाग लेने की पुष्टि की थी। 8 सदस्यी SCO विश्व की 40 फीसदी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है। ग्लोबल जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी 20 फीसदी है। भारत मानता है कि SCO सदस्य के तौर पर वो क्षेत्र में बढ़ते आतंकवाद के खिलाफ अभियान में बड़ा किरदार अदा कर सकता है। भारत सदस्य देशों के साथ क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (रैट्स) अपने संबंध गहरे करना चाहता है और साथ ही सुरक्षा से जुड़े एससीओ के साथ सहयोग को बढ़ाना चाहता है।

2001 में की गई थी SCO की स्थापना
गौरतलब है कि, 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में SCO की स्थापना की गई थी। रूस, चीन, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने इसकी स्थापना की थी। 2005 में इस समूह के पर्यवेक्षकों के तौर पर भारत और पाकिस्तान को शामिल किया गया था। वहीं साल 2017 में दोनों देशों को इस सुरक्षा समूह का पूर्ण सदस्य बनाया गया। भारत को सदस्य बनाने के लिए रूस और पाकिस्तान को सदस्य बनाने के लिए चीन ने मजबूती से पक्ष रखा था।

Created On :   29 April 2018 1:34 PM GMT

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