अमेरिका के दबाव का असर, भारत को 40 लाख बैरल ज्यादा तेल सप्लाई करेगा सऊदी अरब
- ईरान पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों का दूसरा चरण 4 नवंबर से लागू हो जाएगा।
- प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब पर तेल उत्पादन बढ़ाने का दबाव बनाया था।
- सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सऊदी अरब भारत को नवंबर में चालीस लाख बैरल ज्यादा तेल की सप्लाई करेगा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों का दूसरा चरण 4 नवंबर से लागू हो जाएगा। ऐसे में उन देशों की मुश्किलें बढ़ सकती है जो ईरान से कच्चा तेल खरीदतें है, इसमें भारत भी शामिल हैं। इस प्रतिबंध से अमेरिका के सहयोगी देशों को किसी तरह की परेशानी न हो इसी को देखते हुए प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब पर तेल उत्पादन बढ़ाने का दबाव बनाया था। अब इस दबाव का असर भी दिखने लगा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सऊदी अरब भारत को नवंबर में चालीस लाख बैरल ज्यादा तेल की सप्लाई करेगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प, भारत पेट्रोलियम और मेंगलोर रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड जैसी कंपनियां सऊदी अरब से नवंबर में अतिरिक्त दस लाख बैरल तेल की मांग कर रही हैं।
क्या कहा था डोनाल्ड ट्रंप ने?
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते पश्चिमी एशिया में अपने सबसे करीबी सहयोगियों में से एक सऊदी अरब पर दबाव बनाते हुए कहा था कि अमेरिकी सैन्य समर्थन के बिना सऊदी अरब के किंग "दो हफ्तों तक भी पद पर नहीं बने रह सकते हैं।" बता दें कि कच्चे तेल की कीमतें चार साल के उच्चतम स्तर तक पहुंच गईं है इसलिए ट्रंप ने कई बार दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक ओपेक और सऊदी अरब से तेल की कीमतें घटाने की मांग की थी। हालांकि विश्लेषकों की चेतावनी है कि क्रूड ऑइल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकती हैं क्योंकि दुनिया का उत्पादन पहले से ही बढ़ा हुआ है और नवंबर के शुरू में ईरान के तेल उद्योग पर अमेरिका का प्रतिबंध लागू होने जा रहा है।
ईरान भारत का तीसरा बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता
बता दें कि इराक और सऊदी अरब के बाद ईरान, भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है। अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 तक ईरान ने भारत को 1.84 करोड़ टन कच्चा तेल निर्यात किया है। भारत ने इसी साल ईरान से तेल आयात बढ़ाने का फैसला किया था जब ईरान ने भारत को करीब-करीब मुफ्त ढुलाई और उधारी की मियाद बढ़ाने का ऑफर दिया था। पहले अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच ईरान से व्यापारिक रिश्ते कायम रखने वाले मुट्ठीभर देशों में भारत भी एक था।
इसी साल मई 2018 में अमेरिका ने ईरान के साथ 2015 की न्यूक्लियर डील तोड़ दी थी। साथ ही ईरान पर फिर से नए आर्थिक प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया था। यह प्रतिबंध दो चरणों में लागू करने की घोषणा की थी। सात अगस्त को प्रतिबंध का पहला चरण लागू हो चुका है और चार नवंबर को दूसरा सेट लागू किया जाएगा।
Created On :   10 Oct 2018 2:11 PM GMT