अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर से भारत को क्या होगा नुकसान?

Loss of 20 million jobs to America from trade deficit with China
अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर से भारत को क्या होगा नुकसान?
अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर से भारत को क्या होगा नुकसान?

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। चीन के "अनुचित" व्यापार व्यवहार के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ने करीब 20 लाख नौकरियों के नुकसान का अनुमान लगााया है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि को 60 लाख डॉलर के चीनी आयातित माल पर शुल्क लगाने के निर्देश दिए थे। यह निर्णय चीन द्वॉरा बौद्धिक संपदा अधिकारों को चुराने पर 7 माह की गहन जांच के बाद लिया गया। बता दें कि दोनों देशों के बीच पहले से बौद्धिक संपदा अधिकार विवाद पुराना मुद्दा है। चीन ने भी इसके प्रति अमेरिका के खिलाफ जवाबी कदम उठाने की घोषणा की है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले का बचाव करते हुए अमेरिकी प्रेसिंडेंट ऑफिस ने कहा कि चीन के साथ व्यापार घाटे में अमेरिका को करीब 20 लाख नौकरियां जाने का अंदेशा है। एक अधिकारी ने बताया "चीन की अनुचित व्यापार नीतियों से अमेरिका का व्यापार घाटा 370 लाख डॉलर रहा है।" इस पर ट्रंप सरकार ने कहा कि यह चीन को तय करना पड़ेगा कि क्या कार्यवाही की जाए, पारंपरिक गणना के हिसाब से चीन को करीब 20 लाख नौकरियों का फायदा हुआ है जबकि अमेरिका को 20 लाख नौकरियों का नुकसान और यह एक गंभीर मामला है। व्हाइट हाउस ने कहा कि चीन के पास इस पर प्रतिक्रिया देने के विकल्प हैं क्योंकि उन्हें इन संबंधों में हमसे ज्यादा फायदा पहुंचा है।

अमेरिका और चीन की ट्रेड वॉर का असर भारत में भी

विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका और चीन की ट्रेड वॉर का असर भारत समेत पूरी दुनिया में देखने को मिल सकता है। जानकारों का कहना है कि इस ट्रेड वॉर से बेरोजगारी बढ़ेगी, आर्थिक रफ्तार कमजोर होगी और ट्रेडिंग सहयोगियों के आपस में रिश्ते बिगड़ेंगे। इस वॉर के कारण चीन, हॉन्ग- कॉन्ग और जापान के शेयर बाजारों में 3 फीसदी तक की गिरावट आई है, वहीं भारत में भी सेंसेक्स और निफ्टी कमजोर हुए हैं, जो निश्चित तौर पर नकारात्मक संदेश है। अमेरिका का यह कदम विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की तरफ से भारत सहित कई देशों के लिए स्टील और ऐल्युमिनियम पर टैरिफ लगाए जाने के बाद उठाया गया है। जर्मनी, जापान या कोरिया सभी मुख्य ट्रेड सहयोगियों के साथ 2017 में अमेरिका ने व्यापार घाटा झेला है। वहीं इन दोनों देशो के बीच इस समय भारत को सतर्क रहने की जरूरत है। आने वाले समय में हमें अमेरिकी प्रशासन के साथ सही दिशा में बने रहने के लिए सक्रिय कदम उठाने होंगे और अगर ऐसा नहीं हुआ तो भारत की ओर से अमेरिकी फर्म को किए जा रहे निर्यात सेवा पर बुरा असर पड़ेगा।

क्या हुआ अमेरिका और चीन के बीच

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवॉर को चीन के आयात पर 60 अरब डॉलर का टैरिफ लगाया था, उन्होने अमेरिका की बौद्धिक संपदा को "अनुचित" तरीके से जब्त करने को लेकर बीजिंग को दंडित करने के लिए यह कदम उठाया है। अमेरिका के इस कदम के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है। जिससे पूरी दुनिया को भी नुकसान होगा। बौद्धिक संपदा की चोरी मामले की सात महीने की जांच के बाद ट्रंप ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि को चीन से आयात 60 अरब डॉलर का ट्रेफिक लागू करने को कहा है। जिस पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा "हमें बौद्धिक संपदा की चोरी की बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है। यह हमें अधिक मजबूत, अधिक संपन्न देश बनाएगा।"

Created On :   24 March 2018 4:54 AM GMT

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