नासा ने लॉन्च किया मार्स लैंडर इनसाइट, भूकंप की जुटाएगा जानकारी
डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। नासा ने अपना नया मार्स लैंडर "इनसाइट" शनिवार को लॉन्च कर दिया। एटलस वी रॉकेट के जरिए कैलिफॉर्निया स्थित वंडेनबर्ग वायुसेना अड्डे से अंतरराष्ट्रीय समय शाम 4.35 बजे इसे लॉन्च किया गया। इनसाइट मंगल ग्रह पर जाकर भूकंप और अन्य जानकारियों को एकत्रित करेगा। इनसाइट को मंगल पर भेजना मानव को लाल ग्रह पर भेजने से पहले का कदम है। दरअसल, 2030 तक मंगल पर लोगों को भेजने की नासा की कोशिशों के लिए वहां का तापमान समझना महत्वपूर्ण है।
And we have liftoff! #Mars, here I come! 6 months and counting to the Red Planet. pic.twitter.com/wBPYdZVUlt
— NASAInSight (@NASAInSight) May 5, 2018
मंगल भूकंप का सामना करने में कितना सक्षम?
नासा के मुख्य वैज्ञानिक जिम ग्रीन ने कहा कि हम पहले से जानते हैं कि मंगल पर भूकंप आए हैं, भूस्खलन हुआ है और उससे उल्का पिंड भी टकराए हैं। ग्रीन ने कहा कि मंगल भूकंप का सामना करने में कितना सक्षम है? हमें जानने की जरूरत है। इस मिशन का लक्ष्य मंगल की आंतरिक परिस्थितियों के बारे में जानकारी बढ़ाना है। साथ ही, लाल ग्रह पर मानव को भेजने से पहले वहां की परिस्थितियों का पता लगाना और पृथ्वी जैसे चट्टानी ग्रहों के निर्माण की प्रक्रिया को समझना है। अब तक ज्यादातर अमेरिकी मिशन देश के पूर्वी तट पर मौजूद फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होते थे, लेकिन यह मार्स मिशन अमेरिका के पश्चिमी तट से लॉन्च किया गया है।
26 नवंबर को पहुंचेगा मंगल पर
"इनसाइट" का पूरा नाम इंटीरियर एक्सप्लोरेशन यूजिंग सिस्मिक इन्वेस्टिगेशंस है। इनसाइट मिशन की कॉस्ट करीब 814 मिलियन डॉलर है। मार्स लैंडर का वजन 630 किलो का है। यदी सब कुछ योजना अनुसार रहा तो इस साल 26 नवंबर को इनसाइट मार्स पर लैंड करेगा और वहां 2 साल बिताएगा। लैंडर के मंगल की सतह पर उतरने के बाद एक ‘रोबॉटिक आर्म’ सतह पर सेस्मोमीटर (भूकंप मापने का उपकरण) लगाएगा। दूसरा मुख्य औजार एक ‘सेल्फ हैमरिंग’ जांच है जो ग्रह की सतह में उष्मा के प्रवाह की निगरानी करेगा। नासा ने कहा कि जांच के तहत सतह पर 10 से 16 फुट गहरा सुराख किया जाएगा। यह पिछले मंगल अभियानों से 15 गुना अधिक गहरा होगा।
Created On :   5 May 2018 5:42 PM GMT