अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति 2022 में पाकिस्तान का जिक्र नहीं

No mention of Pakistan in Americas national security strategy 2022
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति 2022 में पाकिस्तान का जिक्र नहीं
दुनिया अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति 2022 में पाकिस्तान का जिक्र नहीं
हाईलाइट
  • अमेरिका और पाकिस्तानी दोनों अधिकारियों ने पाकिस्तान को अफगानिस्तान और भारत दोनों से अलग करने और इसे अलग पहचान देने की आवश्यकता पर जोर दिया

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन/इस्लामाबाद। कभी वाशिंगटन के प्रमुख सहयोगी रहे पाकिस्तान और सऊदी अरब का अमेरिका ने वर्ष 2022 की अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में उल्लेख नहीं किया है। इस रणनीति के तहत अमेरिका चीन को अपना सबसे बड़ी भू-राजनीतिक चुनौती मानता है।

सामाचार पत्र डॉन के अनुसार, 48 पन्नों के दस्तावेज में दक्षिण और मध्य एशियाई क्षेत्र में आतंकवाद और अन्य भू-रणनीतिक खतरों का जिक्र है, लेकिन अमेरिका पाकिस्तान को उन खतरों से निपटने के लिए आवश्यक सहयोगी के रूप में नहीं देखता है।

पाकिस्तान 2021 के रणनीति पत्र से भी नदारद था। यह पाकिस्तान के लिए एक नया झटका माना जा रहा है, क्योंकि पाक कई बार अमेरिकी संबंध बनाने की पारस्परिक इच्छा को जाहिर कर चुका है।

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद लंबे समय से शिकायत करता रहा है कि अमेरिका पाकिस्तान को केवल अफगानिस्तान और अन्य देशों के खतरों का मुकाबला करने के लिए एक उपकरण के रूप में देखता है। हाल के बयानों में, अमेरिका और पाकिस्तानी दोनों अधिकारियों ने पाकिस्तान को अफगानिस्तान और भारत दोनों से अलग करने और इसे अलग पहचान देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों ने भी चीन के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने की पाकिस्तान की इच्छा को स्वीकार किया, इसलिए इसे क्षेत्र में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अमेरिकी रणनीति में सहयोगी के रूप में नहीं देखा गया है।

रूस को चीन के बाद अमेरिकी वैश्विक हितों के लिए दूसरे बड़े खतरे के रूप में उल्लेख किया गया है। यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू करने के लिए इसकी निंदा की गई है। रूस और चीन केवल दो राष्ट्र हैं, जिनके दस्तावेज में अपने चैप्टर्स हैं।

दोतरफा रणनीति महामारी, जलवायु परिवर्तन, मुद्रास्फीति और आर्थिक असुरक्षा को रेखांकित करती है। चीन और रूस जैसी प्रमुख शक्तियों के साथ बढ़ती प्रतिस्पर्धा के रूप में अमेरिकी हितों के लिए बड़ा खतरा है। दस्तावेजों में चेतावनी दी गई, अगर हम इस दशक में समय को ऐसे ही जाने देते हैं, तो हम जलवायु संकट से निपटने में असफल हो सकते है।

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब के नेतृत्व वाले तेल कार्टेल के उत्पादन में दो मिलियन बैरल प्रति दिन की कमी करने के फैसले के बाद अमेरिका में पहले से ही उच्च गैस की कीमतों में वृद्धि हुई है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने वाशिंगटन में संवाददाताओं से कहा, हम सऊदी अरब के साथ संबंधों का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं और यह एक ऐसा रिश्ता है जो दशकों से मौजूद है। सुलिवन ने कहा, राष्ट्रपति जो बाइडेन अमेरिकी हितों और मूल्यों की तलाश के उद्देश्य से ऐसा कर रहे है। हम अमेरिका-सऊदी संबंधों के बारे में सोच रहे हैं।

 

 (आईएएनएस)।

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Created On :   14 Oct 2022 2:00 PM IST

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