पूर्व आयुक्त की गिरफ्तारी के बाद रावलपिंडी में मंदिरों का जीर्णोद्धार ठंडे बस्ते में
डिजिटल डेस्क, रावलपिंडी। रावलपिंडी के एक पूर्व आयुक्त को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद पाकिस्तान में कम से कम सात मंदिरों के जीर्णोद्धार की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। ब्योरे के मुताबिक, रावलपिंडी के पूर्व आयुक्त मुहम्मद महमूद को रिंग रोड घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी के कारण सुजान सिंह हवेली, शाह चान चिराग, बाग सरदारन, चाटियां हटियां, पुल शाह नजर दीवान, लुंडा बाजार और डांगी खोज सहित हिंदू मंदिरों के जीर्णोद्धार का स्वीकृत कार्य भी शुरू नहीं हुआ है। प्रांतीय सरकार ने कम से कम 5 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का बजट तय किया था। आने वाले दिनों में इसकी लागत और बढ़ने की उम्मीद है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर कम से कम 75 वर्षो से बंद हैं, जिनमें से कई भूत घर बनकर रह गए हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, फर्नीचर चोरी हो गया है, लोहे की फिटिंग हटा दी गई है और नशा करने वालों ने कई चीजें बेच दी गई हैं। उन्होंने कहा, ऐतिहासिक मंदिरों की दीवारें जर्जर हालत में हैं और संरचनाएं, जो कभी मुगल वास्तुकला का चित्रण थीं, अब खंडहरों में तब्दील होती नजर आ रही हैं। अखिल पाकिस्तान हिंदू पंचायत (एपीएचपी) ने रावलपिंडी विकास प्राधिकरण (आरडीए) से परियोजनाओं पर जल्द से जल्द काम शुरू करने का आग्रह किया।
एपीएचपी के अध्यक्ष ओम प्रकाश नारायण ने कहा, मंदिरों का पुनर्वास आरडीए की सबसे अच्छी परियोजनाओं में से एक था। इसलिए, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए परियोजनाओं पर जल्द ही काम शुरू किया जाना चाहिए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई मंदिरों और अन्य धर्मो के धार्मिक स्थलों की बहाली का आदेश देते हुए राजधानी इस्लामाबाद में एक नए मंदिर के निर्माण की घोषणा की है और मुल्क में सभी के लिए धार्मिक गतिविधियों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की जरूरत पर बल दिया है।हालांकि, दुष्कर्म, अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और हिंदू किशोरियों की शादी, मंदिरों पर लगातार हिंसक हमले और अल्पसंख्यकों के बीच डर का माहौल सरकार के दावों और वादों क खंडन करता नजर आ रहा है।
(आईएएनएस)।
Created On :   19 Oct 2021 6:00 PM IST