पाकिस्तान : डॉक्टरों ने वेतन कटौती को बताया अमानवीय
कराची, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। समूचे विश्व के साथ ही पाकिस्तान भी कोरोनावायरस के प्रकोप से घिरता जा रहा है। इस महामारी के बीच सिंध प्रांत के सरकारी अस्पतालों में सेवारत डॉक्टरों के वेतन से 10 फीसदी कटौती की गई है, जिसे डॉक्टरों अमानवीय करार दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि वह अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें जोखिम भत्ता या अन्य लाभ प्रदान करने के बजाय प्रांतीय स्वास्थ्य विभाग की ओर से उनका वेतन काट लिया गया है।
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, इसी तरह की स्थिति कई निजी स्वास्थ्य अस्पतालों में भी देखने को मिल रही है, जहां प्रशासन की ओर से कोरोनावायरस प्रकोप के दौरान अपने राजस्व घाटे को संतुलित करने के लिए डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के वेतन से कुछ राशि की कटौती शुरू कर दी गई है।
यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन (वाईडीए) सिंध के अध्यक्ष डॉ. उमर सुल्तान ने कहा, उन्होंने मार्च 2020 के वेतन से 10 फीसदी राशि काट ली है और यह कटौती कोरोनावायरस फंड के लिए की गई है। हम महामारी के खिलाफ सबसे अग्रिम पंक्ति में काम कर रहे हैं और हमें जोखिम भत्ता का भुगतान करने के बजाय उन्होंने हमारे वेतन में ही कटौती करनी शुरू कर दी है, जो अमानवीय है।
डॉ. सुल्तान ने कहा कि एक ओर सैकड़ों डॉक्टर बिना किसी आराम और बिना किसी सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई) के वार्ड और आपातस्थिति में दिन और रात काम करने के लिए मजबूर हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें अपने वेतन से भी वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने इस कदम को अत्यधिक निंदनीय और शर्मनाक बताया।
उन्होंने आगे दावा किया कि सैकड़ों स्नातकोत्तर छात्र (पीजी) देश में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की रीढ़ हैं, जिनका सरकार की ओर से कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है। उन्होंने अस्पतालों में परिवहन व्यवस्था के लिए भी पैसे की कमी को उजागर किया।
संपर्क किए जाने पर स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने द न्यूज इंटरनेशनल को बताया कि डॉक्टरों की तनख्वाह में कटौती राजस्व को पूरा करने के लिए की जा रही है।
इससे पहले भी कई ऐसी खबरें सामने आई हैं कि पाकिस्तान कोरोनावायरस के प्रकोप से निजात पाने के अपने प्रयासों में खरा नहीं उतर पा रहा है। पिछले दिनों खबर सामने आई थी कि प्रशासन कराची के एक नामी अस्पताल के डॉक्टरों के लिए भी जरूरी सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं करा पा रहा है, फिर भी चिकित्साकर्मी अपनी जान पर खेलते हुए मरीजों की जिंदगी बचाने में लगे हुए हैं।
Created On :   6 April 2020 10:50 AM IST