राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने मानी अपनी गलती, बताया उनके कौन से फैसले बनें श्रीलंका की कंगाली का कारण

President Gotabaya Rajapaksa admitted his mistake, told which of his decisions should be the reason for Sri Lankas pauper
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने मानी अपनी गलती, बताया उनके कौन से फैसले बनें श्रीलंका की कंगाली का कारण
क्यों कंगाल हुआ श्रीलंका! राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने मानी अपनी गलती, बताया उनके कौन से फैसले बनें श्रीलंका की कंगाली का कारण

डिजिटल डेस्क, श्रीलंका। भारत का करीब देश श्रीलंका पर दिवालिया होने का खतरा मंडरा रहा है। देश को लगभग 25 बिलियन डॉलर के कुल एक्सटर्नल डेब्ट में से करीब सात बिलियन डॉलर इसी साल चुकाना है। अगर मंहगाई दर की बात करें तो श्रीलंका के सेंट्रल बैंक के अनुसार कोरोना संक्रमण की शुरुआत के दौर में देश की मंहगाई दर पांच फीसदी से थोड़ा ज़्यादा थी जो फरवरी, 2022 तक 18 फीसदी पर पहुंच गई। यह पिछले साल की तुलना में 13 फीसदी ज़्यादा है। इसी आर्थिक संकट के चलते देश के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने 17 नए कैबिनेट मंत्रियों से बात करते हुए कहा कि मेरे द्वारा लिए गए गलत फैसलों के कारण हमें विकट दौर से गुजरना पड़ रहा है, उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी वजह से आर्थिक संकट और राजनीतिक संकट आये हैं उन्हें वे जल्द ही खत्म कर देंगे।

आर्थिक संकट की वजह
जानकारों का कहना है कि श्रीलंका में संकट कई सालों से पनप रहा था, जिसकी एक वजह सरकार का गलत प्रबंधन भी माना जाता है। पिछले एक दशक के दौरान श्रीलंकाई सरकार ने सार्वजनिक सेवाओं के लिए विदेशों से बड़ी रकम कर्ज़ के रूप में ली, बढ़ते कर्ज़ के अलावा कई दूसरी चीज़ों ने भी देश की अर्थव्यवस्था पर चोट की। जिनमें भारी बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं से लेकर मानव निर्मित तबाही तक शामिल है। अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने करों में कटौती की एक नाकाम कोशिश की, लेकिन ये कदम उल्टा पड़ गया और सरकार के राजस्व पर बुरा असर पड़ा। इसके चलते रेटिंग एजेंसियों ने श्रीलंका को लगभग डिफ़ॉल्ट स्तर पर डाउनग्रेड कर दिया, जिसका मतलब कि देश ने विदेशी बाज़ारों तक पहुंच खो दी है।

कर्ज का बोझ
श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा, "पिछले ढाई साल में हमें कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। कोविड-19 महामारी के साथ कर्ज का बोझ बढ़ने के साथ ही उन्हें तुरंत इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड से संपर्क करना चाहिए था। इसके साथ ही देश में केमिकल फर्टिलाइजर पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए था। श्रीलंका की सरकार ने देश में कृषि को पूरी तरह ऑर्गेनिक करने के लिए केमिकल फर्टिलाइजर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी।

आवश्यक वस्तुएं छू रहीं आसमान   
सेंट्रल बैंक के मुताबिक पिछले साल की तुलना में कई चीजों की कीमते दुगनी से ज्यादा बढ़ चुकी हैं। जैसे चावल 290 रुपये, टमाटर 320 रुपये,  दाल 420 रुपये, आलू  280 रुपये, बैंगन 240 रुपये, गाजर 240 रुपये और प्याज170 रुपये किलो पहुंच गई है। ये आंकड़े 4 अप्रैल 2022 के हैं।

 

Created On :   19 April 2022 2:01 PM IST

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