अमेरिकी सरकारी निकाय ने धार्मिक भेदभाव के खिलाफ पाकिस्तान को चेताया

US government body warns Pakistan against religious discrimination
अमेरिकी सरकारी निकाय ने धार्मिक भेदभाव के खिलाफ पाकिस्तान को चेताया
अमेरिकी सरकारी निकाय ने धार्मिक भेदभाव के खिलाफ पाकिस्तान को चेताया

नई दिल्ली, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वंतत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को कोरोनावायरस महामारी के बीच हिंदुओं और ईसाइयों को खाने-पीने की चीजें नहीं देने पर फटकार लगाई है और चेतावनी दी कि धार्मिक भेदभाव के कारण यह एक और संकट को बढ़ावा देगा।

यूएससीआईआरएफ एक स्वतंत्र संघीय सरकारी निकाय है जिसकी स्थापना अमेरिकी कांग्रेस ने दुनिया में धार्मिक स्वतंत्रता पर निगरानी करने और रिपोर्ट करने के लिए की है।

पाकिस्तान यूएससीआईआरएफ सूची में उन देशों के साथ बना हुआ है, जिनका धार्मिक स्वतंत्रता पर रिकॉर्ड बहुत ही खराब है।

यूएससीआईआरएफ ने साोमवार को एक बयान में कहा कि वह महामारी के बीच पाकिस्तान में हिंदुओं और ईसाइयों को भोजन सामग्री देने से इनकार की रिपोर्टों से परेशान है।

यूएससीआईआरएफ ने धार्मिक भेदभाव के उदाहरणों में से एक का हवाला देते हुए कहा कि कराची में बेघर और मौसमी कामगारों की मदद के लिए स्थापित एक गैर-सरकारी संगठन सयलानी वेलफेयर इंटरनेशनल ट्रस्ट, हिंदुओं और ईसाइयों को खाद्य सहायता देने से इनकार करता रहा है और केवल मुसलमानों को दे रहा है।

यूएससीआईआरएफ की कमिश्नर अनुरिमा भार्गव ने इस तरह के रवैये को निंदनीय बताते हुए कहा, कोविड-19 का प्रसार जारी है, और पाकिस्तान के भीतर कमजोर समुदाय भूख से लड़ रहे हैं और अपने परिवारों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। किसी को उसकी धार्मिक आस्था के कारण भोजन से इनकार नहीं किया जाना चाहिए।

यूएससीआईआरएफ के आयुक्तों में से एक, जॉनी मूर ने चेतावनी दी कि अगर खान सरकार ने ऐसी नीतियां जारी रखी तो पाकिस्तान के लिए एक और संकट जुड़ जाएगा।

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री खान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक हालिया संबोधन में, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि विकासशील दुनिया में सरकारों के सामने चुनौती यह है कि वे कोविड-19 के प्रसार को रोकने की कोशिश करते हुए लोगों को भूख से मरने से बचाएं। यह एक महत्वपूर्ण काम है, जो कई देशों के सामने है।

उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री खान की सरकार के पास इस पथ की अगुवाई करने का अवसर है, लेकिन उन्हें धार्मिक अल्पसंख्यकों को पीछे नहीं छोड़ना चाहिए। अन्यथा, वे और संकटों में इसे भी जोड़ लेंगे, जो धार्मिक भेदभाव और अंतर-सांप्रदायिक संघर्ष द्वारा बनाया गया है।

पिछले साल, यूएससीआईआरएफ ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान में हिंदुओं और ईसाइयों द्वारा सुरक्षा संबंधी खतरे का सामना किया जाना जारी है और उन्हें कई प्रकार के उत्पीड़न और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है।

Created On :   14 April 2020 6:00 PM IST

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