कोरोना के कारण ढाका, चटगांव में 68 प्रतिशत लोगों ने गंवाया रोजगार

68 percent people lost jobs in Dhaka, Chittagong due to Corona
कोरोना के कारण ढाका, चटगांव में 68 प्रतिशत लोगों ने गंवाया रोजगार
कोरोना के कारण ढाका, चटगांव में 68 प्रतिशत लोगों ने गंवाया रोजगार
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  • कोरोना के कारण ढाका
  • चटगांव में 68 प्रतिशत लोगों ने गंवाया रोजगार

ढाका, 28 सितम्बर (आईएएनएस)। बांग्लादेश के शहरी क्षेत्रों ढाका और चटगांव में काम करने वाले लोगों में से लगभग 68 प्रतिशत लोग कोरोनोवायरस महामारी के कारण अपना रोजगार गंवा चुके हैं। विश्व बैंक की एक नई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।

समाचार पत्र द डेली स्टार ने सर्वे लूजिंग लाइवलीहुड्स : द लेबर मार्केट इम्पैक्ट ऑफ कोविड-19 इन बांग्लादेश के हवाले से सोमवार को बताया कि राजधानी में रोजगार गंवाने वाले लोगों की दर जहां 76 प्रतिशत हैं, वहीं बंदरगाह शहर में 59 प्रतिशत है।

इसने बताया कि झुग्गी इलाकों में यह सबसे ज्यादा 71 प्रतिशत देखा गया। वहीं, नॉन-स्लम इलाकों में यह 61 प्रतिशत रहा। इसने कहा कि अपनी पिछली नौकरियों को फिर से जॉइन करने की उम्मीद कर रहे कुछ लोग शायद ऐसा न कर पाएं, इस प्रकार वास्तव में नौकरी गंवाने वालों की संख्या और ज्यादा हो सकती है।

ढाका में, चार में से एक उत्तरदाता ने इंटरव्यू से पहले, सप्ताह में सक्रिय रूप से काम नहीं करने की बात कही, लेकिन 25 मार्च से पहले काम किया था। यह आंकड़ा चटगांव में 22 प्रतिशत था।

विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, आय का नुकसान तीन क्षेत्रों में व्यापक रहा।

ढाका और चटगांव में, लगभग 80 प्रतिशत मजदूरी कर कमाने वाले और 94 प्रतिशत व्यापारियों ने कहा कि उनकी कमाई सामान्य से कम रही।

कोविड-19 की मार से पहले सामान्य आय की तुलना में वेतनभोगियों और दैनिक श्रमिकों की आय में लगभग 37 प्रतिशत की गिरावट आई। यह गिरावट ढाका में 42 फीसदी और चटगांव में 33 फीसदी रही।

द डेली स्टार ने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि महिला श्रमिकों की भागीदारी की कम दरों को देखते हुए, महिलाएं महामारी से अत्यधिक प्रभावित हुई मालूम पड़ती हैं और उन्होंने अपेक्षाकृत ज्यादा काम गंवाया है।

आय के नुकसान से निपटने के लिए, 69 प्रतिशत परिवारों ने अपने भोजन के सेवन की मात्रा को कम किया और इतनी ही संख्या में लोगों ने अपने दोस्तों की मदद ली।

विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, सर्वे में 38 प्रतिशत घरों को सरकारी मदद मिली, जबकि 42 प्रतिशत ने अपनी बचत का इस्तेमाल किया।

इसने बताया कि इस बीच, नौकरी के बाजार में अनिश्चितता, तनाव और चिंता पैदा कर रहे हैं जो आगे चलकर महामारी से जुड़े स्वास्थ्य प्रभावों को बढ़ा सकते हैं, विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।

दोनों शहरों के गरीब इलाकों में, 10 में से आठ वयस्कों को तनाव या चिंता से गुजरना पड़ा, जिससे उनकी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को पूरा करने की क्षमता प्रभावित हुई।

वीएवी-एसकेपी

Created On :   28 Sep 2020 6:31 AM GMT

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