शराब की लत से खराब है सोशल मीडिया की लत, केवल 10 दिनों में छुड़वाएं
डिजिटल डेस्क । सोसल मीडिया की बढ़ती लत से कई परिवार परेशान हैं। अक्सर बच्चे पढ़ाई-लिखाई छोड़ कर मोबाइल, लैपटॉप से चिपके रहते हैं। वहीं जो घर के बड़े हैं वो परिवार के साथ बैठकर बात करने की बजाए मोबाइल में बिजी रहते हैं। आपने कई जगह ऐसे एडवर्टाइजमेंट देखें होंगे जिनमें दावा किया जाता है वो 10 दिनों में फेसबुक और वॉट्सऐप की लत छुड़वा देंगे। आपको इन पर विश्वास नहीं हुआ होगा, लेकिन अब वाकई इंटरनेट अडिक्शन को छुड़वाने के लिए देश के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल ने AIIMS के राष्ट्रीय व्यसन उपचार केंद्र ने इसकी शुरुआत की है। गाजियाबाद स्थित मुख्यालय में इस खतरनाक लत को छुड़वाने की ट्रेनिंग दी जा रही है और AIIMS दिल्ली में इसके लिए काउंसलिंग क्लासेज भी ली जा रही हैं।
शराब की लत को छुड़वाना फिर भी आसान है, लेकिन इंटरनेट के अडिक्शन को छुड़वाना बेहद मुश्किल है। इस अडिक्शन के शिकार लोग फैंटसी करने लगते हैं और नेट पर मौजूद कॉन्टेंट को सच भी मानने लगते हैं। सोशल मीडिया पर जो कुछ आता है उसे भी ऐसे लोग पूरी तरह से सही मानते हैं और उसी के अनुसार व्यवहार भी करने लगते हैं।
इंटरनेट और सोशल मीडिया का अडिक्शन भी अन्य अडिक्शन्स की तरह कई लेवल का होता है। शुरुआती दौर में इस लत को आसानी से छुड़वाया जा सकता है, लेकिन जितना ज्यादा समय बढ़ता जाता है इस अडिक्शन को छुड़वाना मुश्किल हो जाता है। बच्चे और टीनएजर इस लत का सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। युवाओं में कमोबेश इस लत का लेवल कुछ कम है। ये अडिक्शन डिप्रेशन, अकेलेपन और किसी दुख को दूर करने की कोशिशों के बीच लगता है।
पीड़ित इंटरनेट पर ज्यादा समय देने लगता है और उसे पता ही नहीं चलता कि कब वो इसका अडिक्ट बन गया है। युवाओं में सोशल मीडिया पर लगातार रहने का शौक तेजी से बढ़ रहा है, जो उन्हें इस अडिक्शन की ओर ले जा रहा है। दिल्ली AIIMS में व्यसन उपचार केंद्र में इस अडिक्शन के लिए शनिवार को काउंसलिंग क्लासेज लगती हैं, जिसमें गाजियाबाद मुख्यालय से प्रशिक्षण प्राप्त डॉक्टर अडिक्ट्स का इलाज करते हैं।
इंटरनेट के अडिक्शन का प्रभाव सीधा दिमाग पर होता है। इसके साथ ही इस अडिक्शन के शिकार लोग चिड़चिड़े, गुस्सैल और आलसी हो जाते हैं। इसके कारण उनकी निजी और सामाजिक जिंदगी प्रभावित होती है। इस अडिक्शन के शिकार लोग अकेले रहना ज्यादा पसंद करते हैं और ज्यादा से ज्यादा समय इंटरनेट पर बिजी रहते हैं। यदि किन्ही कारणों से उन्हें इंटरनेट से हटना पड़े तो न केवल उनका मूड खराब हो जाता है बल्कि उन्हें गुस्से के दौरे भी पड़ते हैं। इंटरनेट से दूर होने पर पीड़ित को अचानक तेज पसीना भी आ जाता है और उसे लगता है कि वह अभी बेहोश हो जाएगा।
Created On :   19 Feb 2018 1:18 PM IST