बिहार: अपने गांव में पानी लाने के लिए एक आदमी ने खोदी 5 किमी लंबी नहर

Bihar: A man dug a 5 km long canal to bring water to his village
बिहार: अपने गांव में पानी लाने के लिए एक आदमी ने खोदी 5 किमी लंबी नहर
बिहार: अपने गांव में पानी लाने के लिए एक आदमी ने खोदी 5 किमी लंबी नहर
हाईलाइट
  • बिहार: अपने गांव में पानी लाने के लिए एक आदमी ने खोदी 5 किमी लंबी नहर

पटना, 13 सितंबर (आईएएनएस)। यदि व्यक्ति ठान ले तो वह अकेला भी बड़े से बड़ा काम कर सकता है, इसका एक बढ़िया उदाहरण बिहार में सामने आया है। यहां के गया जिले के एक निवासी ने अपने गांव के खेतों में सिंचाई के लिए पानी लाने के लिए 5 किलोमीटर लंबी नहर खोद डाली है लेकिन इस काम में उसे 20 साल लग गए।

इमामगंज और बांकेबाजार ब्लॉक की सीमा पर बसे कोलिथवा गांव के निवासी लौंगी भुइयां के इस साहसिक काम ने बिहार के ही एक मूल निवासी माउंटेन मैन दशरथ मांझी की याद दिला दी, जिसने 22 साल तक कड़ी मेहनत कर एक पहाड़ को चीर कर अपने गांव के लिए सड़क बना दी थी। दशरथ की मेहनत का नतीजा था कि उनके गांव से कस्बाई बाजार वजीरगंज की दूरी 55 किलोमीटर से घटकर 15 किमी रह गई।

गया के लौंगी ने जब सूखे की मार के कारण गांव के युवाओं को बाहर जाते देखा तो उन्हें पीड़ा हुई और उन्होंने यह काम करने की ठानी थी। दरअसल, गांव की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां सिंचाई के लिए बारिश का पानी रुक नहीं पाता है। यह गांव गया शहर से लगभग 80 किमी दूर है और वन क्षेत्र से घिरा हुआ है।

चूंकि गांव में खेती के अलावा कमाई का कोई जरिया नहीं था इसलिए बड़ी संख्या में युवा काम करने बड़े शहरों में चले गए और गांव में महिलाएं-बच्चे अकेले रह गए।

ग्राम प्रधान विष्णुपत भोक्ता ने कहा, अगस्त 2001 में उसने बागेठा सहवासी जंगल में स्थित एक प्राकृतिक जल स्रोत से गांव तक एक नहर खोदने का फैसला किया। ग्रामीण आमतौर पर अपने मवेशियों को पानी पिलाने के लिए वहीं ले जाते थे। लिहाजा लौंगी जानता था कि इसका पानी स्रोत ग्रामीणों के खेतों में सिंचाई करने के लिए पर्याप्त था लेकिन गांव तक इसका पानी पहुंचाना बड़ी चुनौती थी।

उन्होंने आगे कहा, लौंगी ने एक जमीनी सर्वेक्षण किया और नहर के लिए रास्ते को चिह्न्ति किया। 20 साल तक लगातार काम करने के बाद आखिरकार उसने चार फीट चौड़ी और तीन फीट गहरी नहर खोद ली। दशरथ मांझी की तरह ग्रामीणों ने उसे भी पागल कहा क्योंकि वह खुदाई के लिए पारंपरिक उपकरणों का इस्तेमाल कर रहा था।

उन्होंने आगे कहा, उसके अथक प्रयासों को देखते हुए जिला प्रशासन भी मदद के लिए आगे आया और अब प्रशासन ने इसका नाम लौंगी नहर दिया है। उन्होंने गर्मियों के लिए बारिश का पानी इकट्ठा करने छोटा तालाब भी खोदा है।

एसडीजे

Created On :   13 Sep 2020 8:31 AM GMT

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