साइनोसाइटिस को न समझें आम, हो सकती है गंभीर समस्या
डिजिटल डेस्क, भोपाल. बार-बार सर्दी-जुकाम होना कोई आम समस्या नहीं है। ये किसी तरह की एलर्जी या किसी और समस्या की वजह से हो से होती है। अक्सर ऐसा मौसम बदलने की वजह से होता है। जुकाम, नाक बंद होना, सिर में दर्द होना, नाक से पानी गिरना आम बात है। इसे समस्या को आम न समझें, ये साइनोसाइटिस भी हो सकता है।
साइनस के कारण हवा की जगह में मवाद या बलगम भर जाता है, जिससे साइनस बंद हो जाते हैं। इस वजह से सिर में, गालों व ऊपर के जबड़े में दर्द होने लगता है।
साइनोसाइटिस के लक्षण
-आवाज में बदलाव है
-सिर में दर्द और भारीपन रहता है
-नाक और गले में बलगम रहता है
-हल्का बुखार रहता है
-दांतों में दर्द रहता है
-तनाव से परेशान रहते हैं
-चेहरे पर सूजन आ जाती है
-नाक से पीले रंग का द्रव गिरने की शिकायत रहती है
कारण
बच्चों में ये समस्या एलर्जी और बोतल से दूध या पानी पीने के कारण होती है। घर में अगर कोई धूम्रपान करता है तो भी बच्चों को साइनस की समस्या हो जाती है।
बड़ों में ये समस्या मुख्यत: प्रदूषण, धूम्रपान और इंफेक्शन के कारण होती है।
बचाव
-एलर्जी से बचने के लिए ओवर स्टफ्ड फर्नीचर से परहेज करें। अपने तकियों और बिस्तरों की नियमित सफाई करें। गलीचों और पायदानों की सफाई का भी ध्यान रखें। इत्र आदि की गंध से दूर रहें। वायु प्रदूषण से बचें।
-अपने घर के वेंटीलेशन सिस्टम को सुधारें। जहां तक हो सके, घर की खिड़कियां खोलकर वेंटिलेशन करें।
-नमक के पानी से अपनी नाक की सफाई करें।
-हाइजिन का खास ख्याल रखें। बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन से बचें। अपने हाथों को हमेशा साबुन से साफ करें।
-रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पिएं।
-सुबह उठते ही चाय या गर्म पानी पिएं। गर्म तरल पदार्थ बलगम के प्रवाह में मदद करते हैं और नाक या गले में बलगम आदि इकट्ठा नहीं होने देते।
उपचार
नाक की सफाई : नाक की सफाई भी सिरदर्द में काफी आराम पहुंचाती है। नाक की झिल्ली पर कई तरह के वायरस, बैक्टीरिया, फफूंद, धूल-मिट्टी और एलर्जी करने वाले कण आदि होते हैं, जिनको साफ करने से बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है। इसके लिए आधा गिलास गुनगुना पानी लेकर उसमें एक चम्मच मीठा सोडा या एक चुटकी नमक मिलाएं। फिर एक हाथ की हथेली में लेकर नाक में पानी खींचकर बाहर निकाल देना चाहिए। इससे नाक बिल्कुल साफ हो जाती है।
भापः बारी-बारी से दोनों नाक साफ करें। पानी उबालें और डॉक्टर द्वारा बताई दवाई डालकर, पंखे बंद कर कपड़ा ढककर नाक व मुंह से लंबी-लंबी सांस 8-10 मिनट तक लें। इसके बाद 20 मिनट तक हवा में न जाएं।
Created On :   8 July 2017 3:43 PM IST