क्या आप जानते हैं, महिलाओं के कपड़ों में क्यों नहीं होती थी जेब
डिजिटल डेस्क। आपने देखा होगा पुरुषों के कपड़ों में हमेशा ही पॉकेट होती है, लेकिन महिलाओं के कपड़ों में जेब बहुत ही कम पाई जाती हैं। ऐसा आखिर क्यों होता है। ऐसा कहा जाता है कि पहले के जमाने में पुरुष पैसों को लेकर महिलाओं पर विश्वास नहीं करते थे और पुरुष खुद ही घर की सारी आर्थिक गतिविधियों का ध्यान रखते थे। इसी कारण महिलाओं के कपड़ों में जेब नहीं हुआ करती थी। पहले अंग्रेज महिलाओं के कपड़ों में भी जेब नहीं होती थी और इसे लोग मर्दानी चीज समझते थे। ऐसा क्यों? जानिए इसका जवाब हमारे साथ, लेकिन इससे पहले ये भी जान लीजिए कि पुरुषों के भी ऐसे कपड़े हुआ करते थे जिनमें जेब नहीं हुआ करती थी। बता दें कि 1837 के जमाने में ऐसा ही था।
किस कारण नहीं होती थी जेब
वेस्ट में स्कर्ट पहनने का काफी चलन था और इनमें पॉकेट बनाने की गुंजाइश ही नहीं हुआ करती थी। कहा जाता है कि साल 1840 के बाद जब आम महिलाओं के लिए कई तरह के डिजाइनर कपड़े बनने लगे थे तो उस समय अमीर घरानों की महिलाएं इन डिजाइनर कपड़ों को बनवाती थी। वे बड़े गले, पतली कमर शरारा आदि पहनती थी। जिनमें जेब के लिए कोई जगह नहीं होती थी। इसके बाद जब महिलाओं को भी अपने कपड़ों में पॉकेट की जरुरत महसूस होने लगी तो उन्होनें जेब वाली पैंट पहनना शुरु कर दिया लेकिन इसमें भी उन्हें कमी महसूस होने लगी तो महिलाओं ने इसके लिए Give us pocket अभियान शुरु कर दिया था क्योंकि वे इस मर्दानी चीज के टाईपो को खत्म करना चाहती थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज भी पुरुष और महिलाओं की जेब को सिलने का तरीका अलग-अलग होता है। जहां महिलाओं के पॉकेट का साइज छोटा होता है वहीं पुरुषों के पॉकेट की लंबाई और चौड़ाई ज्यादा होती है। साइज की बात करें तो पुरुषों की जेब का साइज, लंबाई 9 इंच और चौड़ाई 6 इंच होती है। वहीं महिलाओं के पॉकेट की लंबाई 5 इंच और चौड़ाई 6 इंच रखी जाती है।
फैशन को प्राथमिकता
महिलाएं कपड़ों को लेकर सुविधा को नहीं बल्कि फैशन को पहले देखती हैं और यही वजह है कि डिजाइनर्स उनके कपड़ों में जेब नहीं बनाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है, मार्केट में कई पॉकेट वाली वैरायटियां महिलाओं के लिए भी आने लगी हैं- जैसे- कॉटन पैंट, जींस, कुर्तो में भी अब जेब का ऑप्शन आने लगा है।
Created On :   1 Jan 2019 4:58 PM IST