सफर के दौरान पता चलता है की पार्टनर कितनी दूर तक निभा सकता है साथ

During the traveling you can know more about your relationship
सफर के दौरान पता चलता है की पार्टनर कितनी दूर तक निभा सकता है साथ
सफर के दौरान पता चलता है की पार्टनर कितनी दूर तक निभा सकता है साथ

डिजिटल डेस्क । अगर आप अपने रिलेशनशिप का असली टेस्ट लेना चाहते हैं तो आपको एक बार अपने पार्टनर के साथ जरूर घूमने जाना चाहिए। कई स्टडीज और सर्वे से यह नतीजा निकाला गया है कि जो लोग ज्यादा ट्रैवल करते हैं, वे ट्रैवल ना करने वालों की अपेक्षा ज्यादा खुश रहते हैं। व्यस्त दिनचर्या और नियमित जीवनशैली से ब्रेक मिलना और किसी नई जगह की ताजी हवा से मिलने वाली खुशी का तो एहसास करना तो बहुत आसान है, लेकिन रिलेशनशिप पर ये किस तरह असर डालता है, ये समझना थोड़ा मुश्किल है। जो कपल्स एक साथ ट्रैवल करते हैं, वे कैसा महसूस करते हैं? इससे उनके रिश्ते पर क्या असर पड़ता है?

आइए जानते हैं कि एक साथ घूमना किस तरह से आपके और आपके पार्टनर के लिए चुनौती भरा हो सकता है और आने वाले वक्त के लिए भी कैसे ट्रैवलिंग सबसे अच्छी चीज साबित हो सकती है।

 

कर पाते हैं छोटी-बड़ी चीज की परख

ट्रैवलिंग करते वक्त आप किसी ना किसी अनजान जगह पर होंगे। प्लेन की सीट से लेकर, रेस्टोरेंट चुनने, लॉजिंग की जरूरतों पर आपकी अपने पार्टनर से लगातार बातचीत होती रहेगी। अगर आपका पार्टनर आपकी जरूरतों और पसंद को नजरअंदाज करता है तो इससे आपके सफर खराब होना तय है। आपका किसी दूसरे टूर या हाइक पर जाने के बजाए आराम करने का मन है तो आप अपने पार्टनर को बता दीजिए। बाद में थकान होने की खीझ में अपने पार्टनर से लड़ने के बजाए और उस पर पछतावा करने से अच्छा है कि आप अपने पार्टनर से अपने मन की बात कह दें। अगर आप लॉजिंग या किसी और चीज को लेकर कंफर्टेबल नहीं हैं तो बोल दें। हो सकता है आपका पार्टनर भी आपकी ही तरह महसूस कर रहा हो. अपनी बात कहना और सामने वाले की बात सुनना किसी भी रिलेशनशिप के लिए सबसे जरूरी चीज है। ट्रैवलिंग के वक्त आप और आपके पार्टनर के बीच यह बुनियादी चीज मौजूद है या नहीं, आप बड़ी आसानी से देख सकते हैं।

 

जिद्दी स्वाभव को छोड़ें

ऐसा हो ही नहीं सकता है कि दो लोग हर बात पर एक तरह की सोच रखते हों और उनके बीच कभी भी किसी भी बात को लेकर मतभेद ही ना होता हो। ये सारी चीजें रिश्ते का ही हिस्सा हैं और ऐसी परिस्थितियों में एक चीज सीखना जरूरी है- समझौता करना। हमेशा बीच का रास्ता निकालने की कोशिश करें। कोई भी ऐसे शख्स के साथ घूमना पसंद नही करेगा जो सारे प्लान अपने मन के मुताबिक बनाता हो। किसी बात पर अपनी मर्जी चलवाना तो किसी बात पर अपनी जिद छोड़ देना किसी भी रिश्ते के लिए जरूरी है। यही बातें ट्रैवलिंग पर भी लागू होती हैं।

 

अच्छी-बुरी यादें साझा करना

पार्टनर के साथ घूमना सबसे सही समय होता है जब अपनी अच्छी और बुरी यादें एक-दूसरे के साथ शेयर कर सकते हैं। आप दोनों एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं। फ्लाइट मिस होना, चीजें खोना, बीमारी, चोट लगना, कुछ भी हो लेकिन ये सब कुछ उतना बुरा नहीं लगता है जब आपको हर वक्त कोई सपोर्ट करने के लिए हो। बुरी सी बुरी जगह हो पर नई जगहों पर एक साथ जाने का रोमांच भी अलग ही होता है। सच्चे रिश्ते में भी खराब समय आने पर भी पार्टनर एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ते हैं।

 

एक-दूसरे की खर्च करने की आदतों का पता चलता है

अगर अभी तक आपको यह ठीक से अंदाजा नहीं हो पाया है कि आपका पार्टनर किस तरह खर्च करता है तो घूमने के समय सब कुछ साफ हो जाएगा। पैसे पर बात करना अक्सर मुश्किल होता है तो ट्रैवलिंग एक तरह से आपके लिए एक टेस्टिंग ही होगी। अगर मनी हैंडलिंग को लेकर भी आप अलग-अलग छोरों पर हैं तो फिर यहां भी कोई बीच का रास्ता निकाल सकते हैं।

 

रोमांच पसंद है या नहीं?

ट्रैवलिंग से ये भी पता चल जाएगा कि आपका पार्टनर रोमांच पसंद करता है या नहीं, वो कितना रोमांटिक है? शहरों की भीड़भाड़ पसंद करने वाला यह एकांत पसंद करने वाला. आप कैंप में रुकना चाहते हों जबकि आपका पार्टनर किसी भी रेजॉर्ट होटल रूम के बाहर बिल्कुल असहज महसूस करता हो या फिर इसका उल्टा हो तो आप क्या करेंगे? एक साथ घूमने से बहुत सारे सवाल पैदा होंगे और आने वाले समय में रिश्ते का भविष्य और चुनौतियों का अंदाजा भी हो जाएगा।

Created On :   25 Nov 2018 4:10 PM IST

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