बीमारियों के इलाज में इन फलों का जूस है लाभकारी, होते हैं कई फायदे

Fruit juice is beneficial for the treatment of these diseases
बीमारियों के इलाज में इन फलों का जूस है लाभकारी, होते हैं कई फायदे
बीमारियों के इलाज में इन फलों का जूस है लाभकारी, होते हैं कई फायदे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ताजी सब्जियों और फलों का रस हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता हैं। इनमें कई सारे विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं। यह पोषक तत्व हमारे शरीर को फायदा पहुंचाते हैं। इनके नियमित सेवन से हम कई तरह की बीमारियों से बच जाते हैं। साथ ही कई तरह के रोगों को ठीक करने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। फल और सब्जियों के रस के इन्हीं फायदों के चलते हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह की बीमारी में कौनसा जूस फायदेमंद हैं। 

अधिक भूख के लिए- अगर आपको भूख नहीं लगती या​ प्रॉपर तरीके से खाना नहीं खा पाते तो आप प्रातःकाल खाली पेट नींबू का पानी पियें। साथ ही खाने से पहले अदरक को मैश करके सैंधा नमक के साथ लें। इससे आपको भूख लगेगी और आपका पेट भी ठीक रहेगा। 

रक्तशुद्धि- शरीर में ब्लड का संचालन ठीक होना और ब्लड का साफ होना बहुत जरूरी है। अपने शरीर में ब्लड के लेवल को बढ़ाने के लिए और ब्लड को साफ रखने के लिए आप नींबू, गाजर, गोभी, चुकन्दर, पालक, सेव, तुलसी, नीम और बेल के पत्तों के रस का सेवन कर सकते हैं। 

दमा- इस बीमारी के अंतर्गत सांस लेने में दिक्क्त होती है। इस बीमारी को ठीक करने के लिए आप लहसुन, अदरक, तुलसी, चुकन्दर, गोभी, गाजर, मीठी द्राक्ष का रस, भाजी का सूप अथवा मूँग का सूप ले सकते है। साथ ही बकरी का शुद्ध दूध लाभदायक है। ध्यान रहे घी, तेल, मक्खन इस बीमारी में वर्जित है।

उच्च रक्तचाप- एक उम्र के बाद अक्सर लोगों को हाई ब्लड प्रेशर उच्च रक्तचाप की की प्राब्लम हो जाती है। इस समस्या को कंट्रोल में रखने के लिए गाजर, अंगूर, मोसम्मी और ज्वारों का रस का नियमित रूप से सेवन करें। यह आपके मानसिक तथा शारीरिक आराम के लिए भी आवश्यक है।

निम्न रक्तचाप- जिस तरह हाई ब्लड प्रेशर शरीर के लिए समस्या है, उसी प्रकार लो ब्लड प्रेशर भी शरीर के लिए समस्या है। इससे बचने के लिए मीठे फलों का रस लें, किन्तु खट्टे फलों का उपयोग न करें। अंगूर और मोसम्मी का रस अथवा दूध भी लाभदायक है।

पीलिया- वायरल हैपेटाइटिस या जोन्डिस को साधारणत: लोग पीलिया के नाम से जानते हैं। यह रोग बहुत ही सूक्ष्‍म विषाणु (वाइरस) से होता है। शुरू में जब रोग धीमी गति से व मामूली होता है तब इसके लक्षण दिखाई नहीं पडते हैं, परन्‍तु जब यह उग्र रूप धारण कर लेता है तो रोगी की आंखे व नाखून पीले दिखाई देने लगते हैं, लोग इसे पीलिया कहते हैं। इस बीमारी में आप अंगूर, सेव, रसभरी, मोसम्बी का सेवन करें। अंगूर की अनुपलब्धि में आप लाल मुनक्के तथा किसमिस का पानी भी पी सकते हैं। गन्ने को चूसकर उसका रस पियें। केले में 1.5 ग्राम चूना लगाकर कुछ समय रखकर फिर खायें।

मुहाँसों के दाग- तेलीय त्वचा पर मुहांसों की समस्या होना आम बात है। पेट की खराबी के चलते भी चेहरे पर मुहांसे हो जाते हैं। चेहरे से मुहांसों को साफ करने के लिए और दमकती त्वचा के लिए आप गाजर, तरबूज, प्याज, तुलसी और पालक के रस का सेवन कर सकते हैं । 

आर्थ्राइटिस- इसे हिंदी ​में ​संधिवात भी कहते हैं। इस बीमारी में लहसुन, अदरक, गाजर, पालक, ककड़ी, गोभी, हरा धनिया, नारियल का पानी तथा सेव और गेहूँ के ज्वारे का रस फायदेमंद हैं। 

एसीडिटी- ​भागदौड़ भरी दिनचर्या के चलते, गलत खान पान के कारण शरीर में एसिडिटी की समस्या होना आम बात है। इस समस्या से बचने के लिए आप गाजर, पालक, ककड़ी, तुलसी का रस, फलों का रस अधिक मात्रा में लें। साथ ही अंगूर, मोसम्बी तथा दूध भी इस समस्या में लाभदायक है।

कैंसर- कैंसर एक लाइलाज बीमारी है। इस बीमारी से लड़ने के लिए गेहूँ के ज्वारे, गाजर और अंगूर का रस का सेवन करें। यह आपको लंबे समय तक इस बीमारी से लड़ने की ​क्षमता प्रदान करेगा। 

सुन्दर बनने के लिए- ग्लोइंग त्वचा के लिए सुबह-दोपहर नारियल का पानी या बबूल का रस लें। नारियल के पानी से चेहरा साफ करें। इससे आपके चेहरे पर निखार आएगा। 

अल्सर- इस बीमारी में अंगूर, गाजर, गोभी का रस लाभकारी है। इस बीमारी में केवल दुग्धाहार पर रहना आवश्यक है।

सर्दी-कफ- मूली, अदरक, लहसुन, तुलसी, गाजर का रस, मूँग अथवा भाजी का सूप इस बीमारी को जल्दी ठीक करता है। साथ ही अदरक और लहसुन का सेवन आपको सर्दी व कफ से दूर रखता है। 

स्त्रियों को मासिक धर्म कष्ट- अक्सर महिलाओं को पीरिड्स के टाइम पेट दर्द की शिकायत होती है। ऐसे समय में पेट दर्द की समस्या से बचने के लिए अंगूर, पाइनेपल तथा रसभरी के रस का सेवन करें। 

डायबिटीज- गोभी, गाजर, नारियल, करेला और पालक का रस इस बीमारी में लाभकारी है। 

पथरी- इस बीमारी में पत्तों वाली भाजी न लें। ककड़ी का रस इस बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए श्रेष्ठ है। सेब अथवा गाजर या कद्दू का रस भी सहायक है।
 

Created On :   26 Feb 2019 12:00 PM IST

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