देश के सबसे स्वच्छ इस शहर से सफाई के अलावा सीखी जा सकती हैं ये चीजें
डिजिटल डेस्क,इंदौर। आप भी अपने सपनों के शहर में रहने का ख्वाब देखते होंगे। जहां एक अच्छी जिंदगी जीने की सारी सुविधाएं जैसे शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी, नौकरी और एक स्वच्छ वातावरण हो। तो आज हम देश के एक ऐसे शहर की बात करने जा रहे हैं, जो इसी दिशा में बढ़ रहा है और जो पिछले दो साल से देश की सबसे क्लीन सिटी का खिताब भी जीत चुका है। जी हां हम बात कर रहे हैं इंदौर की। साल 2015 में इंदौर देश के सबसे क्लीन शहरों की लिस्ट में 25वें स्थान पर था। इस शहर ने अपना पहला पड़ाव सिर्फ दो सालों में ही पूरा कर लिया है। अब सरकार बेसिक जरुरतों को लेकर भी कई अहम योजनाएं बना रही है। इंदौर देश के उन तमाम शहरों के लिए मिसाल है जो आज भी गंदगी समेत कई अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
ऐसे बना देश का सबसे क्लीन शहर- इंदौर
कहते हैं, किसी शहर के बनने और बिगड़ने में वहां के लोगों का खास योगदान होता है। इंदौर का सबसे साफ- सुथरा बनने के पीछे न केवल वहां की प्रशासन, बल्कि शहर की 25 लाख की आबादी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। तीन साल पहले तक जिस शहर की हर गली-कूचे में गंदगी का अंबार लगा रहता था, वहां अब सड़कें, नाली-नाले आज सौ फीसदी गंदगी मुक्त हैं।
तो ये राज है इंदौर की सक्सेस का
कहा जाता है जिस शहर का मुखिया समझदार होता है, वहां की जनता भी खुद-ब-खुद जिम्मेदार बन जाती है। इंदौर की जनता ने भी कुछ ऐसा ही किया इस सफाई अभियान में प्रशासन का पूरा साथ दिया। पिछले तीन साल से जिस भी अधिकारी को इंदौर शहर की जिम्मेदारी मिली, उसने पूरी ईमानदारी से अपना कार्य पूरा किया। नगर निगम ने शहर को स्वच्छ बनाने के लिए शहरी व ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया। हजारों कर्मचारियों और आधुनिक मशीनों की सहायता से साफ-सफाई का बीड़ा उठाया। इसके लिए शहर के हर वार्ड और मौहल्ले में कर्मचारियों की तैनाती की गई और यही इस शहर की सक्सेज स्टोरी बनी।
कैसे होता है सफाई का काम
शहर को खुले डस्टबिन से मुक्त करने के लिए डस्टबिन फ्री अभियान चलाया गया, जिसमें सूखा और गीला कचरा अलग- अलग इकठ्ठा किया जा सके। शहर में 10 जगहों पर ट्रांसपोर्टेशन हब बनाए गए, यहां से ये सारा कचरा ट्रेचिंग ग्राउण्ड पहुंचता है। इसके आलाना नगर निगम के कर्मचारी घर- घर जाकर कचरा कलेक्ट करते हैं। रिहायसी इलाकों में दिन में एक बार और व्यावसायिक इलाकों में दो बार कचरा कलेक्ट किया जाता है।
यहां नगर निगम के सात हजार कर्मचारी दिन रात सफाई करते रहते हैं। इनमें से 60 प्रतिशत महिला कर्मी है। इंटरनेशनल वेस्ट मैनेजमेंट के 200 कर्मी गाड़ियों से सड़कों की सफाई करते हैं। रात के समय मशीनों से पूरे शहर की 500 किमी लंबी मुख्य सड़कों का सफाई की जाती है। यहां गंदगी फैलाने वालों पर 1लाख रुपए तक स्पॉट फाइन किया जाता है। थूकने, खुले में शौच करने पर 100 से 500 रुपए तक का जुर्माना लिया जाता है।
Created On :   1 Feb 2019 11:55 AM IST