मुलेठी की खूबियां जानकर भूल जाएंगे डॉक्टर का एड्रेस
डिजिटल डेस्क । स्वाद में मीठी मुलेठी कैल्शियम, ग्लिसराइजिक एसिड, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक, प्रोटीन और वसा के गुणों से भरपूर होती है। इसका इस्तेमाल आंखों से जुड़ी समस्या, ओरल डिजीज, ग्लैंड डिजीज, पेट की बीमारियां, रेसपिरेटरी डिसऑर्डर, हार्ट प्रॉब्लम, इंजरी के इलाज के लिए सदियों से किया जा रहा है। ये कफ, पित्त तीनों दोषों को शांत करके कई रोगों के इलाज में रामबाण का काम करती है। मुलेठी के क्वाथ से नेत्रों को धोने से नेत्रों के रोग दूर होते हैं।
त्वचा रोग में भी ये लाभकारी है। फफोड़ों पर मुलेठी का लेप लगाने से वो जल्दी पककर फूट जाते हैं। मुलेठी और तिल को पीसकर उससे घृत मिलाकर घाव पर लेप करने से घाव भर जाता है।
मुलेठी हृदय रोग में भी लाभकारी है। 3-5 ग्राम तथा कुटकी चूर्ण को मिलाकर 15-20 ग्राम मिश्री युक्त जल के साथ प्रतिदिन नियमित रूप से सेवन करने से हृदय रोगों में लाभ होता है। इसके सेवन से पेट के रोग में भी आराम मिलता है। मुलेठी का क्वाथ बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पीने से उदरशूल मिटता है
मुंह के छाले मुलेठी मूल के टुकड़े में शहद लगाकर चूसते रहने से लाभ होता है। मुलेठी को चूसने से खांसी और ग्लैंड डिजीज भी दूर होता है। मुलेठी को चूसने से हिचकी दूर होती है।
मुलेठी कान और नाक के रोग में भी लाभकारी है। मुलेठी और द्राक्षा से पकाए हुए दूध को कान में डालने से कर्ण रोग में लाभ होता है। 3-3 ग्राम मुलेठी तथा शुंडी में छह छोटी इलायची और 25 ग्राम मिश्री मिलाकर, क्वाथ बनाकर 1-2 बूंद नाक में डालने से नासा बीमारियां कम होती हैं।
मुलेठी की मूल चूर्ण में बरबर मात्रा में सौंफ का चूर्ण मिलाकर एक चम्मच सुबह-शाम खाने से आंखों की जलन मिटती है और आंखों की रौशनी बढ़ती है। मुलेठी को पानी में पीसकर उसमें रूई का फाहा भिगोकर आंखों पर बांधने से उनका का लालपन कम होता है।
Created On :   28 May 2018 11:05 AM IST