जानिए बच्चों की बेहतर परवरिश और हेल्दी फैमिली के लिए बच्चों के जन्म में कितना हो अंतर
डिजिटल डेस्क । चाहे मुश्किलें कितनी भी हो, हर कपल पेरेंट्स बनना चाहता है और अगर बच्चों से ज्यादा लगाव हो तो दो बार पेरेंट्स बनने की चाहत होती है। बढ़ती महंगाई और बेहतर लाइफ स्टाइल के लिए कई कपल्स केवल एक बार ही मां-बाप बनना पसंद कर रहे हैं, लेकिन जो आर्थिंक रूप से सक्षम या ज्वाइंट फैमिली में रहते हैं तो परिवार का प्रेशर या कुछ दूसरी वजहों से दूसरे बच्चे की प्लानिंग करने लगते हैं। कई बार जल्दबाजी में वो इस बात का ध्यान रखना भूल जाते हैं कि उनके बच्चों के जन्म में कितना अंतर होना चाहिए। हालांकि बच्चों को जन्म देना या उनके लिए प्लान करना हर परिवार का निजी मामला होता है, लेकिन मां और बच्चे की सेहत को देखते हुए कुछ चीजें ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए सरकार की ओर से कई तरह की योजनाएं भी चलाई जा रहीं है, लेकिन फिर भी कुछ लोग इन सबी को नजर अंदाज करते है और फिर बाद में बच्चे या मां को कई तरह की शारीरिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आइए हम इसे और भी गहराई से जान लेते हैं कि पहले और दूसरे बच्चे में कितना गैप रखना चाहिए और ये क्यों जरूरी है।
मां की सेहत को दें प्राथमिकता
अगर आप दोनों दूसरे बच्चे के लिए मेंटली तैयार हो चुके हैं तो आपको दूसरे पहलू पर भी जरूर ध्यान देना चाहिए। महिलाओं को ये बात ध्यान में रखना जरूरी है कि वो पहली प्रेगनेंसी के बाद पूरी तरह से रिकवर कर चुकी हैं और दूसरे स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए उनका शरीर तैयार है। आपको दूसरा बच्चा कब चाहिए, ये तो आप पर ही निर्भर करता है, लेकिन दूसरा बच्चा प्लान करने से पहले मां की सेहत को जरूर ध्यान में रखें। जब महिला पहले बच्चे को जन्म देने के बाद पूरी तरह से स्वस्थ हो जाए तभी उन्हें दूसरे बच्चे के लिए सोचना चाहिए। हालांकि, दूसरे बच्चे में बहुत कम या ज्यादा अंतर होने के अपने ही कुछ फायदे और कुछ नुकसान होते हैं। ऐसे में गैप कितना हो ये एक अहम सवाल होता है।
कम गैप रखने से क्या होते हैं नुकसान?
पहले और दूसरे बच्चे में 12 से 18 महीने का अंतर होने से उनके बीच गहरा संबंध होता है, लेकिन दो बच्चों के बीच कम अंतर होने से मां की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। दरअसल, दोनों बच्चों को साथ ब्रेस्ट फीडिंग कराना, रात भर उनके साथ जगे रहना, दो बच्चों की जिम्मेदारी एक साथ उठाना मां की सेहत पर बुरा असर डालती है। एक स्टडी के मुताबिक, पहले और दूसरे बच्चे में कम से कम 18 महीने का अंतर होना जरूरी होता है, क्योंकि कम अंतर होने के कारण दूसरे बच्चे की प्री-मैच्योर डिलीवरी होने के साथ बच्चे का वजन भी कम होने का खतरा रहता है।
कितना होता है आइडियल गैप?
डॉक्टर्स के मुताबिक, पहले और दूसरे बच्चे के जन्म में लगभग 2 साल का अंतर होना चाहिए। अगर आप जल्दी बच्चा चाहते हैं ताकि खुद के करियर को समय दे सकें और बच्चों की परवरिश लगभग एक साथ हो जाए तो 2 साल का गैप आइडल है। दो बच्चों के बीच दो साल का अंतर होने से मां और बच्चा दोनों की सेहत अच्छी रहती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, पहले और दूसरे बच्चे के जन्म में लगभग 24 महीने का अंतर होना बेहद जरूरी होता है क्योंकि 24 महीनों में महिला की सेहत में पूरी तरह से सुधार आ जाता है। अगर आप 24 महीने से पहले ही दूसरे बच्चे को जन्म देना चाहते हैं तो कम से कम दो बच्चों के जन्म में 18 महीने का अंतर जरूर रखें।
ज्यादा गैप से क्या है नुकसान?
अगर दो बच्चों के जन्म में 3 साल का अंतर होता है तो पहला बच्चा थोड़ा समझदार होने लगता है। साथ ही बच्चे को जन्म देने और ब्रेस्ट फीडिंग कराने के बाद मां के शरीर में आई कमजोरी भी उस समय तक बिल्कुल ठीक हो जाती है। इसके अलावा बच्चों की उम्र में अंतर होने से माता-पिता दोनों बच्चों की सही ढंग से परवरिश कर पाते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि दूसरे बच्चे के जन्म में तीन या उससे ज्यादा का अंतर होने से प्रेग्नेंसी और दूसरे बच्चे के जन्म में थोड़ी समस्याएँ आ सकती हैं।
Created On :   22 March 2018 10:03 AM IST