आखिर क्यों मिडिल क्लास के लोगों को अमीर बनने में मिलती है असफलता
डिजिटल डेस्क। अक्सर आपने सुना होगा कि मिडिल क्लास या गरीब लोग चाह कर भी मिलियनेयर्स की बराबरी नहीं कर पाते हैं। चाहे कितने भी इंटेलिजेंट हो या लॉटरी ही क्यों ना लग गई हो, लेकिन फिर भी तमाम कोशिशों के बावजूद वो मौके को भुना नहीं पाते। फर्श से अर्श तक पहुंचने में उन्हें पीढ़ियां लग जाती हैं। वो भी अगर अगली पीढ़ी सही निकली तो, वर्ना तो आने वाली पीढ़ी अक्सर पुरानी पीढ़ी के बिजनेस को डुबो ही देती है। इस तरह के मामलों में भारतीय नस्ल या खून को जिम्मेदार ठहराते हैं। भारतीयों के मुताबिक जिसके खून में बिजनेस करने का हुनर नहीं होता वो कभी बिजनेस में सफल नहीं हो सकता। शायद यही वजह की हमारे देश ज्यादातर बिजनेस मैन वो हैं, जिनकी जाति, परिवार या बुजुर्गों ने काफी पहले बिजनेस करना सीखा हो, लेकिन बाहरी देशों में इस तरह की सोच नहीं है शायद इसलिए वहां हर कोई बिजनेस करता है और सफल भी होता है और अब शायद भारत में ये संभव है कमी है तो सिर्फ सोच की आइए जानते है कि लोगों के अलावा वो कौनसी वजह है जो भारतीय युवाओं सफल बिजनेसमैन या अमीर बनने से रोकती है।
दरसअल दुनिया के सबसे अमीर, सबसे सफल लोगों की सोच भी दूसरों से अलग होती है। 25 साल से ज्यादा समय तक अमीरों पर अध्ययन करने के बाद सेल्फ मेड राइटर और अरबपति स्टीव सीबोल्ड ने How Rich People Think में इसका सार लिखा।
कई इंटरव्यू करने के बाद सीबोल्ड ने पाया कि केवल चाहत की कमी ही लोगों को अमीर बनने से नहीं रोकती बल्कि इसकी वजहों में खुद पर कम भरोसा करना और अपनी क्षमता को कम आंकना भी है। उन्होंने बताया कि अमीर लोग खुद के साथ दिमागी ट्रिक्स अपनाते हैं जो उन्हें दूसरों से आगे रखती हैं। ऐसी कम से कम 6 आदतें हैं जो अमीरों को गरीबों से अलग करती हैं।
उम्मीदों को ऊंचा रखना
मिडिल क्लास खुद के लिए फाइनेंस के लिहाज से बेहद कम उम्मीदें रखते हैं ताकि वो कभी निराश न हों। वहीं अमीर बेहद ज्यादा उम्मीदें रखते हैं, वो अपने लिए किसी भी चुनौती के लिए तैयार रहते हैं। उन्होंने लिखा कि कोई भी अमीर बिना ज्यादा बड़ा सपना देखे नहीं रह सकता। कुछ लोग मानते हैं कि वो जितना उम्मीद रखते हैं उतना ही मिलता है। इसके बावजूद कई लोग खुद को मिडिल क्लास तक सीमित रखते हैं, यह सोचकर कि वो खुद को विफलता से बचा रहे हैं।
फॉल्स कॉन्फिडेंस रखना
वो खुद से कहते हैं कि उनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है, तब भी जब उनके पर्याप्त पैसे न हों। अमीर लोग अपने भविष्य के लिए दूसरों से फंड लेने से नहीं डरते। सीबोल्ड ने लिखा कि अगर उनके पास फाइनेंस जुटाने के लिए अच्छा आइडिया नहीं है तो वो दूसरे लोगों से पैसा लेने के लिए आगे बढ़ते हैं। असल सवाल ये है कि क्या इसे खरीदना, इसमें इन्वेस्टमेंट करना या इसे लेकर आगे बढ़ना सही है? अगर ऐसा है तो अमीर यह जानता है कि पैसा हमेशा उपलब्ध होता क्योंकि अमीर लोग हमेशा अच्छे इन्वेस्टमेंट और अच्छे परफॉर्मेंस की ताक में रहते हैं।
पैसा बनाना एक खेल है
सीबोल्ड ने लिखा कि अमीर लोग बिजनेस, जिंदगी और कमाई को एक खेल समझते हैं और यह ऐसा खेल है जिसे वो जीतना पसंद करते हैं। यही कारण है कि अरबपति रोज काम करते हैं ताकि वो अपनी अगली सफलता को हासिल कर सकें। उन्होंने लिखा कि ‘खेल खेलने’ की चाहत उनहें दूसरे लेवल पर लगातार लेकर जाती है।
डर से रहते है कोसो दूर
सीबोल्ड ने बताया कि उनके दिमाग को इस लेवल पर लेकर जाते हैं जहां डर की कोई जगह नहीं है। इस लेवल पर सभी चीजें संभव दिखती हैं। अपने दिमाग को इस लेवल पर आने के लिए आपको अपने आरामदायक जोन से बाहर निकलना होगा, यही काम अमीर लोग करते हैं।
अमीर बनना स्वाभाविक है
उन्होंने लिखा कि अमीर लोगों का मानना है कि सफलता और खुशी प्रकृति में मौजूद है। यह इकलौता विश्वास उनको सफलता पर पहुंचाता है। आम लोगों का मानना है कि वो अमीर नहीं बन सकते। वो खुद से पुछते हैं कि वो कौन हैं कि वो अमीर बन सकें।
Created On :   3 May 2018 11:42 AM IST