कोविड के चलते 7.2 करोड़ से ज्यादा बच्चों के गरीब बनने का खतरा : विश्व बैंक

कोविड के चलते 7.2 करोड़ से ज्यादा बच्चों के गरीब बनने का खतरा : विश्व बैंक
कोविड के चलते 7.2 करोड़ से ज्यादा बच्चों के गरीब बनने का खतरा : विश्व बैंक
हाईलाइट
  • कोविड के चलते 7.2 करोड़ से ज्यादा बच्चों के गरीब बनने का खतरा : विश्व बैंक

वाशिंगटन, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। विश्व बैंक ने कहा है कि कोविड-19 के कारण स्कूल बंद रहने से 7.2 करोड़ से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई जिससे उनके गरीब होने का खतरा पैदा हो गया है। इसका मतलब है कि वे 10 साल की उम्र तक साधारण पढ़ने लिखने का काम भी नहीं कर पाएंगे।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व बैंक की 2 नई रिपोटरें में कहा गया है कि महामारी पढ़ने-सीखने को लेकर वैश्विक संकट को बढ़ा रही है। विश्व बैंक ने सीखने, निवेश और नीतियों को लेकर एक नई सोच के साथ रूपरेखा तैयार की है।

महामारी निम्न और मध्यम आय वाले देशों में प्राथमिक स्कूल के बच्चों में सीखने की इस कमी को 53 प्रतिशत से 63 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है। इसके साथ ही यह इस पीढ़ी के छात्रों को भविष्य में लगभग 10 ट्रिलियन डॉलर खोने का खतरा पैदा करता है, जो वे अपने जीवन-काल में कमाते। यह राशि वैश्विक जीडीपी के लगभग 10 प्रतिशत के बराबर है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोविड-19 के चलते स्कूल बंद होने से अप्रैल-2010 में सबसे ज्यादा 1.6 अरब छात्र स्कूल से बाहर रहे और आज भी 70 करोड़ बच्चे स्कूल से बाहर हैं। परिवार की आय में आई अभूतपूर्व वैश्विक आर्थिक कमी के नकारात्मक प्रभाव ने स्कूल छोड़ने वालों के लिए जोखिम बढ़ा दिया है।

महामारी के चलते बड़े पैमाने पर शिक्षा प्रणालियों को ऑनलाइन जैसे नवाचारों को तेजी से लागू करने के लिए मजबूर किया गया है। लेकिन माता-पिता के सपोर्ट और घर के सीखने के वातावरण की गुणवत्ता में असमानता के कारण सीखने की असमानता भी बढ़ गई है।

बुधवार को रिपोर्ट जारी करते हुए वल्र्ड बैंक के हयूमन डेवलपमेंट की वाइस प्रेसिडेंट ममता मूर्ति ने कहा, जरूरी कार्रवाई किए बिना छात्रों की यह पीढ़ी कभी भी सीखने की अपनी पूर्ण क्षमताओं और आय क्षमता को हासिल नहीं कर सकती है। ऐसे में देश दीर्घकालिक आर्थिक विकास को बनाए रखने के लिए जरूरी आवश्यक मानव पूंजी खो देंगे।

मूर्ति ने आगे कहा, दूरदर्शी और साहसिक कार्रवाई के जरिए ही दुनिया भर के नीति निर्धारक और हितधारक इस संकट को शिक्षा प्रणालियों को बदलने में एक वरदान की तरह इस्तेमाल बदल सकते हैं ताकि सभी बच्चे सही मायने में हर जगह आनंद और उद्देश्य के साथ शिक्षा प्राप्त कर सकें।

एसडीजे-एसकेपी

Created On :   3 Dec 2020 4:30 AM GMT

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