कुल्लू दशहरा उत्सव : शामिल नहीं हो सकेंगे 240 देवी-देवता

Kullu Dussehra festival: 240 deities will not be able to attend
कुल्लू दशहरा उत्सव : शामिल नहीं हो सकेंगे 240 देवी-देवता
कुल्लू दशहरा उत्सव : शामिल नहीं हो सकेंगे 240 देवी-देवता
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कुल्लू (हिमाचल प्रदेश), 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। कोरोनावायरस महामारी ने न केवल इंसान प्रभावित हुए हैं, बल्कि देवी-देवता भी इसके प्रभाव से वंचित नहीं रह पाए हैं क्योंकि इस साल 240 दैवीय शक्तियों पर भी लॉकडाउन की प्रक्रिया लागू कर दी गई है।

सात दिवसीय कुल्लू दशहरा महोत्सव में इस बार केवल सात देवता ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे और ऐसा लगभग 400 सालों में पहली बार होने जा रहा है। महोत्सव का शुभारंभ 25 अक्टूबर यानि कि कल से होने जा रहा है।

आयोजकों ने रविवार को बताया कि इस साल महोत्सव में सभी परंपराओं का पालन सीमित रूप में किया जाएगा और केवल उन्हीं 200 लोगों को रघुनाथ की रथयात्रा में शामिल होने दिया जाएगा, जो कोविड-19 की जांच में नेगेटिव पाए गए हैं।

यह एक 383 साल पुरानी रीति है, जहां दशहरा या विजयादशमी के पहले वाले दिन, जब पूरे देश में त्यौहार का समापन होता है, उस दिन यहां कुल्लू घाटी के मुख्य देवता भगवान रघुनाथ के रथ को सुल्तानपुर के ऐतिहासिक मंदिर से हजारों भक्तों द्वारा निकाला जाता है।

इस शोभायात्रा में 250 देवी-देवताओं का दैवीय मिलन हर साल देखने को मिलता है। त्यौहार के खत्म होने तक इन्हें ढालपुर के मैदान में रखा जाता है।

महोत्सव की मुख्य आयोजक उपायुक्त ऋचा शर्मा ने आईएएनएस को बताया, सोशल डिस्टेंसिंग की बात को ध्यान में रखते हुए हमने आमंत्रित किया है, बल्कि अनुमति दी है कि इस साल दशहरा उत्सव में केवल सात प्रमुख देवताओं को ही शामिल किया जाएगा।

प्रमुख देवताओं में बिजली महादेव, मनाली की माता हिडिम्बा सहित अन्य पांच देवताओं को आमंत्रित किया गया है।

एएसएन/जेएनएस

Created On :   24 Oct 2020 2:30 PM IST

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