हंसने की तरह ही कभी-कभी रोना सेहत के लिए होता है फायदेमंद
डिजिटल डेस्क,भोपाल। बच्चे हो या बड़े रोना तो सभी को आ ही जाता हैं। जब कोई रोता है, तो हामारा दिल बैठने लगता है, ये सोच कर कि पता नहीं क्या प्रॉब्लम हो गई जो रोना आ गया। हम तुरंत रोते हुए को चुप कराने लगते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं रोना सेहत के लिए बेहद लाभदायक होता है। जिस तरह से हंसना सेहत के लिए अच्छा है तो रोना भी सेहत के लिए खराब नहीं होता है। हंसने के जितने फायदे हैं, उससे कम रोने के भी नहीं हैं। चाहे आप कोई मूवी देखकर रो रहे हो या फिर प्याज काटते हुए आपकी आंखों से आंसू आ जाते हों, ये आपकी सेहत के लिए अच्छे हैं। दरअसल आंसू तीन तरह के होते हैं, रेफलेक्सिव, कंटीनिअस, इमोशनल, क्या आपको पता है कि केवल इंसान ही तीसरी तरह से रो सकते हैं और वो भी सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं हमारे रोने से सेहत को क्या फायदे मिलते हैं।
रोने से दिल का गम निकलता हैं और मूड अच्छा होता है
नीदरलैंड्स में हुई हाल की एक स्टडी में कुछ लोगों को सैड मूवी दिखाई गई, उसके बाद फिल्म देखकर रोने वाले और नहीं रोने वालों को अलग-अलग बांटा गया। कुछ लोगों पर भावनात्मक तौर पर कोई असर नहीं हुआ जबकि कुछ लोग बुरी तरह रोए। हालांकि, 20 मिनट के भीतर रोने वाले लोग सामान्य अवस्था में आ गए और 90 मिनट बीतने के बाद रोने वाले लोग, नहीं रोने वाले लोगों से ज्यादा बेहतर महसूस कर रहे थे।
रोने से स्ट्रेस कम होता है
अल्जाइमर रिसर्च सेंटर रीजन्स हॉस्पिटल फाउंडेशन के डायरेक्टर, विलियम एच फ्रे ने भी प्रतिभागियों को सैड मूवीज दिखाई। विलियम के मुताबिक, हम रोने के बाद इसलिए अच्छा महसूस करते हैं, क्योंकि इससे तनाव के दौरान उत्पन्न हुए कैमिकल्स बाहर निकल जाते हैं। हमें ये तो नहीं पता कि ये केमिकल्स कौन से होते हैं, लेकिन आंसुओं में एसीटएच होता है जो तनाव के दौरान बढ़ता है। फ्रे के मुताबिक, ये जरूरी है कि हम कभी-कभी रोएं। इससे तनाव कम होता है और हार्ट और मस्तिष्क को क्षति नहीं पहुंचती है। हमें अपनों बच्चों को रोने से नहीं रोकना चाहिए, हमें खुश होना चाहिए कि उनके अंदर यह क्षमता है।
आंसुओं से आंखों को मिलता है प्रोटेक्शन
बिना भावुक हुए रोने से भी सेहत को फायदे हैं। जब आप प्याज काटते हैं तो प्याज से एक रसायन निकलता है और आंखों की सतह तक पहुंचता है। इससे सल्फ्यूरिक एसिड बनता है। इससे छुटकारा पाने के लिए आंसू ग्रन्थियां आंसू निकालती है जिससे आंखों तक पहुंचा रसायन धुल जाता है। आंसुओं में लाइसोजाइम भी होता है जो एंटीबैक्टीरियल और एंटी वायरल होता है। ग्लूकोज से आंखों की सतह की कोशिकाएं मजबूत होती हैं।
नाक की भी होती है सफाई
आंसू शरीर के भीतर अश्रु नलिकाओं से होकर नासिका तक पहुंचते हैं जिससे नाक में जमा गंदगी साफ हो जाती है। रोने के दौरान अक्सर नाक बहने लगती है, जिसके पीछे यही वजह है। रोने से नाक में जमा बैक्टीरिया और गंदगी बाहर निकल जाती है। डॉक्टर फ्रे के मुताबिक, महिलाएं महीने में औसतन 5.3 बार रोती हैं, जबकि पुरुष औसतन 1.3 बार ही रोते हैं। इस फर्क की वजह यह है कि पुरुषों में टेस्टरोन होता है, जबकि महिलाओं में प्रौलैक्टीन नामक हार्मोन होता है जो रोने के लिए प्रेरित करता है।
पुरुषों और महिलाओं की आंसू ग्रन्थियों में भी अंतर होता है, लेकिन पुरुषों के नहीं रोने की सबसे बड़ी वजह लैंगिक और सांस्कृतिक है, जो पुरुषों को रोने के फायदों से वंचित करवाता है। डॉक्टर ऑरलॉफ कहते हैं, "रोने के बारे में भ्रमों से बाहर निकलना चाहिए। रोना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और ये पुरुषों और महिलाओं दोनों की सेहत के लिए ही अच्छा होता है।
और भी है फायदे-
- सामान्य आंसुओं में 98 प्रतिशत पानी होता है पर भावनात्मक आंसुओं में तनाव के हॉर्मोन्स होते हैं, जो आपके शरीर के द्वारा आपको तनाव से राहत देने के लिए मुक्त किये जाते हैं,ये भी पता चला है कि इन आंसूओं में कई विषाक्त पदार्थ होते हैं, जो हमारे शरीर में भावनात्मक दबाव के कारण बन जाते हैं।
- आपने कभी सोचा है कि प्याज काटते वक्त आपकी आंखों से पानी क्यों आने लगता है? ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि प्याज में कुछ एंजाइम होते हैं जो आंखों में जलन पैदा करते हैं। इसी तरह जब धूल के कण हमारी आंखों में जाते हैं तो आंखों से पानी आने लगता है। इस तरह का रुदन आपकी आंखों को सुरक्षा देता है और ये सुनिश्चित करता है कि कण आंसुओं के साथ आंख से बाहर निकल जाए।
- सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए रुदन भावनात्मक कारणों से निकलने वाले आसुओं में 24 प्रतिशत उच्च एल्ब्यूमिन प्रोटीन होता है जो शरीर की चयापचय प्रणाली को नियंत्रित करने में मदद करता है। रुदन उच्च रक्तचाप, मोटापा, मधुमेह जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करता है जो ज्यादा तनाव के कारण होती हैं
Created On :   12 Dec 2017 8:55 AM IST