मास्टर साहब बन गए डॉक्टर, कर रहे ग्रामीणों का इलाज 

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मास्टर साहब बन गए डॉक्टर, कर रहे ग्रामीणों का इलाज 


डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/सौंसर।  सौंसर के नवथल गांव की शासकीय प्राइमरी शाला में पदस्थ एक शिक्षक डॉक्टर बन कर ग्रामीणों का इलाज कर रहा है। यह शिक्षक डिग्रीधारी डॉक्टरों की तरह स्टेथेस्कोप से मरीजों की जांच करता है तो वहीं एलोपैथी दवाएं भी देता है। कई बीमारियों का इलाज करने झाडफ़ूंक भी करता है। शिक्षक का यह कारोबार कई वर्षों से चल रहा है, लेकिन शिक्षा विभाग और स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया। 
सौंसर से 17 किमी दूरस्थ ग्राम नवथल के प्राथमिक स्कूल में पदस्थ शिक्षक मनोहर मडके आसपास के गांवों में एक डॉक्टर व भुमका के रूप में पहचाने जाते हैं। रविवार को स्कूल का अवकाश होने पर यह शिक्षक सुबह से ही गांवों में निकल पड़ता है, अन्य दिनों में स्कूल के आसपास के गांवों में उपचार करता है। स्कूल में कोई मरीज आ जाए तो वहीं जांच के साथ दवाई भी दे देता है। ग्रामीण समंतलाल सिल्लू का कहना है कि डॉक्टर के उपचार से ग्रामीणों को नुकसान भी होता है, लेकिन शिक्षक के जादू-टोना ज्ञान के भय से कोई शिकायत नहीं करता।    
स्टेथोस्कोप से जांच, झोले में एलोपैथी दवाएं-
गांवों में उपचार के दौरान शिक्षक बाकायदा मरीज की नाड़ी देखते हंै। जांच के लिए स्टेथोस्कोप का उपयोग भी करते हंै। मरीज बीमारी बताए तो उसे डरा दिया जाता है कि जांच करने पर मुझे समझ में आ जाएगा। यह शिक्षक गांवों में उपचार के दौरान सर्दी-जुकाम व सामान्य बीमारियों में लगने वाली एलोपैथी दवा थैले में रखता है। जांच के बाद मरीज से नकद राशि लेकर दवाएं भी देता है। 
दवा से आराम नहीं तो झाडफ़ूंक भी-
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की अज्ञानता का लाभ लेकर शिक्षक न केवल एलोपैथी दवाओं के साथ इंजेक्शन का उपयोग करता है बल्कि आराम न मिलने पर दैवीय प्रकोप का दावा भी करता है। दैवीय प्रकोप से बचाने के लिए शिक्षक उपचार के दौरान झाडफूंक भी करता है। शिक्षक का दावा है कि उसे जादू-टोना भी आता है। इसी दावे के चलते ग्रामीण शिक्षक की शिकायत नहीं करते। 
इसमें गलत क्या है-  
शासकीय स्कूल में पदस्थ शिक्षक मनोहर मडके बिना डिग्री के इलाज को गलत नहीं मानते। मडके का कहना है कि मैंने सिविल अस्पताल सौंसर में बीमारियों के उपचार का प्रशिक्षण लिया है, इसी के आधार पर मरीजों का उपचार करता हूं। गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में ग्रामीणों का उपचार करता हूं, इसमें गलत क्या है। 
इनका कहना है
इस तरह उपचार करने का सिविल अस्पताल से किसी को प्रशिक्षण नहीं दिया जाता। संबंधित शिक्षक गलत जानकारी दे रहा है। इसकी जांच कर कार्रवाई करेंगे।
डॉ एनके शास्त्री बीएमओ 
यह गंभीर मामला है, आपसे मुझे यह जानकारी मिली है। उक्त शिक्षक की इस तरह की गतिविधियों की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। 
राजेंद्र पात्रीकर बीईओ 

Created On :   13 Jan 2020 4:16 PM GMT

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