मेड इन इंडिया वीडियो से जुड़ी यादें लेकर आए मिलिंद
- मेड इन इंडिया वीडियो से जुड़ी यादें लेकर आए मिलिंद
नई दिल्ली, 22 फरवरी (आईएएनएस)। साल 1995 में आया इंडियन पॉप सॉन्ग मेड इन इंडिया आज भी हमारे जेहन में ताजा है। उस दौर में भी इस वीडियो की 50 लाख कॉपियां बिकी थीं। सिर्फ इतना ही नहीं इस गाने के बाद मिलिंद ने गर्ल्स हॉस्टल्स की दीवारों पर टंगी टॉम क्रूज की तस्वीरों को हटाकर अपनी जगह बना ली थी।
आज जब मिलिंद सोमन 25 साल पहले बनी अलीशा चिनॉय की मेड इन इंडिया वीडियो को याद करते हैं तो कहते हैं, पहली बार जब मैंने यह वीडियो देखा था तो मुझे वह बहुत पसंद नहीं आई थी, लेकिन आज सब कुछ जादुई सा लगता है। वह वाकई में एक सच्चा क्लासिक पॉप सॉन्ग था।
पिछले दिनों पेंगुइन बुक्स प्रकाशित उनका संस्मरण मेड इन इंडिया आया, जिसकी सहायक लेखिका रूपा पाई हैं। पुस्तक रिलीज के मौके पर मिलिंद ने अपनी जिंदगी के विवाद, रिश्ते, धूम्रपान और शराब जैसी बुरी आदतों से दूर होने जैसे कई मुद्दों पर आईएएनएस से खुलकर बात की।
किताब को लेकर मिलिंद (54) ने आईएएनएस को बताया, तकरीबन छह साल पहले पेंगुइन ने मुझसे संपर्क किया था। तब मुझे नहीं लगा था कि इसमें कुछ भी लिखने लायक है, लेकिन फिर मेरे व्यवसाय के साथी ने इसके लिए मुझे तैयार किया। मैंने फेसबुक पर रूपा पाई को देखा और संपर्क किया। बातचीत के बाद यह साफ हो गया कि आखिर मैं क्या कहना चाहता था।
तैराकी में चैंपियनशिप जीतने के बाद सुपरमॉडल से अभिनेता बनने के बाद स्पोर्ट्सपर्सन बने। उन्होंने साल 2017 में फ्लोरिडा में सफलतापूर्वक अल्ट्राथॉन पूरा किया और नंगे पैर 84 किलोमीटर दौड़ कर रिकॉर्ड बनाने वाले वह एकमात्र इंसान हैं। सोमन इन दिनों कई योजनाओं में व्यस्त हैं। साथ ही फिल्म और टेलीविजन के कई प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मेरी कंपनी मैक्सिमुस के कई कार्यक्रम और कुछ फिल्म और टीवी की परियोजनाएं हैं। साथ ही मेरी पत्नी को यात्रा करना बेहद पसंद है, इसलिए हम सफर करते रहते हैं।
मिलिंद के मुताबिक आज की पीढ़ी कॉरपोरेट जॉब को ज्यादा तरजीह देती है।
मिलिंद कहते हैं, जीवन शैली की बीमारी और मानसिक बीमारी की समझ को लेकर हम काफी हाल-फिलहाल में ही जागरूक हुए हैं और यह सच है कि फिटनेस और गैर-प्रतिस्पर्धी खेल लंबे समय तक हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में मदद कर सकते हैं। भारत में कभी भी स्वास्थ्य के लिए खेल की परंपरा नहीं रही है, लेकिन हां, अब नजरिए में बदलाव आ रहा है, लेकिन धीरे-धीरे।
Created On :   22 Feb 2020 12:01 PM IST