व्हीलचेयर क्रिकेट टीम का पूर्व कप्तान बना मनरेगा मजदूर, तोड़ रहा पत्थर

MNREGA laborer becomes former captain of wheelchair cricket team, breaking stone
व्हीलचेयर क्रिकेट टीम का पूर्व कप्तान बना मनरेगा मजदूर, तोड़ रहा पत्थर
व्हीलचेयर क्रिकेट टीम का पूर्व कप्तान बना मनरेगा मजदूर, तोड़ रहा पत्थर
हाईलाइट
  • व्हीलचेयर क्रिकेट टीम का पूर्व कप्तान बना मनरेगा मजदूर
  • तोड़ रहा पत्थर

नई दिल्ली, 28 जुलाई (आईएएनएस)। कोविड-19 महामारी ने देश में लगभग हर इंसान की जिंदगी पर असर डाला है। उन्हीं में से एक शख्स हैं भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राजेंद्र सिंह धामी, जिन्हें अपना पेट पालने के लिए मजदूरी करनी पड़ रही है।

धामी इस समय मनरेगा के तहत बन रही सड़क के लिए पत्थर तोड़ रहे हैं।

धामी ने आईएएनएस से कहा, मैं मार्च में रूद्रपुर में था जब कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगाया गया। इसके बाद मैं अपने पैतृक गांव रायकोट आ गया जो पिथौरगढ़ की सीमा के पास है। शुरुआत में मैंने सोचा था कि लॉकडाउन कुछ ही दिनों में खत्म हो जाएगा लेकिन यह बढ़ गया और तब मेरे परिवार के लिए समस्या शुरू हुई।

उन्होंने कहा, मेरा भाई गुजरात में एक होटल में काम करता है उसे लॉकडाउन के कारण घर वापस आना पड़ा। मेरे पिता 60 साल के हैं और वह इस स्थिति में नहीं हैं कि मजदूरी कर सकें। इसलिए मैंने मनरेगा स्कीम के तहत काम करना शुरू किया।

इस हरफनमौला खिलाड़ी ने भारत के लिए 10-15 मैच खेल हैं। वह जब दो साल के थे तब उन्हें पोलिया हो गया था और जब वह 18 साल के थे तो लकवाग्रस्त हो गए थे जिसके कारण उनका अधिकतर शरीर काम करने योग्य नहीं है।

मनरेगा के तहत वह रोज आठ घंटे काम कर 400 रुपये प्रति दिन के हिसाब से कमाते हैं।

उन्होंने कहा, मैं सड़क किनारे भीख नहीं मांगना चाहता था, मैं गर्व से अपनी जिंदगी जीना चाहता हूं।

उन्होंने इतिहास से स्नातक की डिग्री भी हासिल की है। उन्होंने कहा, मैं टिचिंग लाइन में जाना चाहता था लेकिन इसमें दिव्यांग लोगों की चयन प्रक्रिया में काफी सारी परेशानियां थीं।

उन्होंने कहा कि 2014 में सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें दिव्यांग क्रिकेट के बारे में पता चला था। उन्होंने कहा, फेसबुक के माध्यम से पता चला था कि व्हलीचेयर क्रिकेट भी कुछ होती है। वहां से मेरी रुचि जागी और मुझे लगा कि मैं भारत के लिए उच्च स्तर की क्रिकेट खेल सकता हूं और मैं खेला भी।

धामी उत्तराखंड व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के कप्तान भी हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से पहले वे स्पांसरशिप के जरिए पैसा कमाते थे।

उन्होंने कहा, महामारी से पहले, पैरा खेलों के लिए हमें टीए, डीए मिलता था, खिलाड़ियों को ईनामी राशि के तौर पर पैसा मिलता था।

उन्होंने कहा, मैं निजी तौर पर जिन टूर्नामेंट्स में मैं खुद खेलता था उसके लिए स्पांसर ढूंढ़ता था और इसी तरह हम अपना जीवनयापन करते थे।

उन्होंने कहा, भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट संघ ज्यादा मदद नहीं कर सकता क्योंकि वह भी टूर्नामेंट्स और स्पांसर पर निर्भर है।

धामी ने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में राज्य सरकार या खेल मंत्रालय की तरफ से किसी तरह की मदद नहीं मिली है। उन्होंने कहा, मैंने राज्य सरकार को सिर्फ पत्र ही नहीं लिखे बल्कि खुद कई अधिकारियों से भी मिला हूं, लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्होंने मेरी शिकायतों और अपील को पूरी तरह से नकार दिया।

काफी मुश्किलात के बाद भी धामी भीख नहीं मांगना चाहते और अपनी समस्याओं का सामना कर सम्मान के साथ रहना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, मैं मेरे जैसे लोगों के लिए रोल मॉडल बनना चाहता हूं। मैं उन्हें सम्मान और आत्मविश्वास से भरी जिंदगी जीने के लिए प्रेरित करना चाहता हूं।

धामी गांवों में बच्चों को ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं लोगों के सामने उदाहरण पेश करना चाहता हूं कि दिव्यांग लोग भी अपनी जिंदगी में बेहतर कर सकते हैं और राष्ट्र को गर्व करने का मौका दे सकते हैं। मैं बच्चों को ट्रेनिंग देना चाहता हूं ताकि वह आने वाले दिनों में अपने राज्य और देश के लिए खेल सकें।

धामी ने कहा कि सरकार को दिव्यांग लोगों को देखना चाहिए और उन्हें नौकरियां देनी चाहिए ताकि वह अपना जीवनयापन कर सकें।

उन्होंने कहा, दिव्यांग नाम देने से मकसद पूरा नहीं हो जाता। उन्हें एनजीओ बनाने चाहिए, ऐसे नियम बनाने चाहिए जो अच्छे हों। लेकिन सरकार को दिव्यांग लोगों के जीवनयापन के बारे में सोचना चाहिए।

उन्होंने कहा, जब चुनाव होते हैं तो सरकार हमें व्हीलचेयर देती है और सुरक्षागार्ड मुहैया कराती है ताकि हम बूथ पर जाकर वोट दे सकें। लेकिन एक बार चुनाव खत्म हो जाते हैं तो वह हमें भूल जाते हैं। सरकार को हमें हर महीने आय का स्त्रोत देना चाहिए ताकि हम अपनी जीविका चला सकें। उन्हें हम में स ेउन लोगों को नौकरी देनी चाहिए जो पढ़े हैं और उनको पेंशन देनी चाहिए जो बूढ़ें हैं।

Created On :   28 July 2020 9:00 AM GMT

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