जानिए प्राचीन काल से क्यों चली आ रही है उपवास रखने की प्रथा 

since ages people are believing in keeping fast ,know why?
जानिए प्राचीन काल से क्यों चली आ रही है उपवास रखने की प्रथा 
जानिए प्राचीन काल से क्यों चली आ रही है उपवास रखने की प्रथा 

 

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। उपवास की मान्यता हमारे भारत में प्राचीन काल से चली आ रही है। अब भले ही हम इसे किसी देवी देवताओं के नाम पर रखें या किसी और वजह से लेकिन भारत में हर परंपरा का कहीं न कहीं विज्ञान से गहरा संबंध है। आपने कई बार देखा होगा की योग गुरु का आहार सामान्य आहार से काफी अलग होता है। इनका आहार मन को संतुलित और शांत रखने वाला होता है। इतना ही नहीं अगर आप किसी बीमारी से परेशान हैं तो आपकी यौगिक चिकित्सा आपके आहार पर निर्भर करेगी। आइये आपको कुछ ऐसे ही चीजों के बारे में बताते हैं।  

 

 

अल्कलाइन फूड से करें शुरुआत

हमारे शरीर में एसिड और टॉक्सिन्स का निर्माण रात भर में हो जाता है। इसीलिए सुबह के वक्त शरीर को डीटॉक्सिफाई करने के लिए खाली पेट नींबू पानी जरूर पिएं। कॉफी के मुकाबले लेमन जूस पीने से आपकी बॉडी अच्छी तरह डीटॉक्सिफाई हो जाती है।  

 

 

पॉजिटिव भावनाओं के लिए सात्विक भोजन है जरूरी 

प्राचीन ग्रंथों में कार्ब्स, प्रोटीन या फैट्स का कोई जिक्र नहीं किया गया है। भोजन को तीन भागों में विभाजित किया गया है- सात्त्विक, राजसिक और तामसिक। सात्विक आहार, जिससे आपका मन और शरीर दोनों ही स्वस्थ रहता है। इसमें आपको फल, हरी सब्जियां और अनाज का सेवन करना होता है। राजसिक में अधिक गर्मी का उत्पादन करने वाला आहार लिया जाता है। जैसे मीट, अंडे और कॉफी। तामसिक आहार सुस्ती की और ले जाता है। जैसे मीठा या शराब। योग गुरु हमेशा सात्विक भोजन को ही महत्व देते हैं।

 

 

हरी सब्जियां हैं सबसे ज्यादा अहम 

योग में हर चीज प्राण से सम्बंधित है। आहार जिसमें प्राण होते हैं उससे हमें शारीरिक और भावनात्मक शक्ति मिलती है। पके हुए भोजन का महत्व हमेशा कम होता है। आग में पका हुआ खाने से आहार की न्यूट्रिशन वैल्यू कम हो जाती है। कच्चा भोजन जो हमें प्रकृति से मिलता है हमारे शरीर को सभी प्रकार के विटामिन्स और प्रोटीन देता है। अंकुरित आहार को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है।

 

 

इसलिए है व्रत रखने का महत्व

टॉक्सिन्स का हमारे शरीर में संचय होना बीमारियों का घर बनाने जैसा है। गलत आहार लेने से हमारे अंदर नेगेटिव भाव आते हैं। इन सभी से बचने का सबसे बेहतर तरीका है उपवास। उपवास करने के कई तरीके हैं, जैसे- दिन भर सिर्फ जल पर ही निर्भर रहना या एक वक्त ही भोजन करना। इसके पीछे मुख्य कारण है हमारी पाचन क्रिया को ब्रेक देना। 

 

सेहत के लिए जरूरी है गुड फैट्स 

यौगिक आहार घी, नारियल तेल और अनाज के बीज के बिना अधूरा है। ये आपके भोजन को अच्छी तरह पचाते हैं और मन को संतुष्ट करते हैं। आपके शरीर में गुड फैट्स के होने से मेमोरी तेज होती है।

Created On :   17 March 2018 12:30 PM IST

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