World AIDS Day: कम उम्र के युवा हो रहे HIV पॉजिटिव , सबसे ज्यादा ट्रांसजेंडर्स हैं एड्स के शिकार

The youngest being hiv positive and most transgenders are the victims of aids
World AIDS Day: कम उम्र के युवा हो रहे HIV पॉजिटिव , सबसे ज्यादा ट्रांसजेंडर्स हैं एड्स के शिकार
World AIDS Day: कम उम्र के युवा हो रहे HIV पॉजिटिव , सबसे ज्यादा ट्रांसजेंडर्स हैं एड्स के शिकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वर्ल्ड एड्स डे हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन लोगों को एड्स जैसी खतरनाक बीमारी के बारे में जागरूक किया जाता है। एड्स HIV संक्रमण की वजह से फैलता है। इसे लाइलाज बीमारी के तौर पर जाना जाता है। हालांकि मेडिकल साइंस लगातार इस पर रिसर्च कर रहा है और कुछ हद तक इसका भी उपचार ढूंढ निकाला है। एड्स की दवाएं बहुत कम लोगों तक पहुंच पाती हैं। एक सर्वे के अनुसार, 1981 से 2012 तक एड्स के कारण दुनिया भर में लगभग 36 मिलियन लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं। इस दिवस की पहली बार 1987 में थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू बन्न ने कल्पना की थी।

 

बता दें कि आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो एड्स और एचआईवी पॉजिटिव होने से अपने को बचा सकते हैं। अगर आप एचआईवी पॉजिटिव हैं तो इसका मतलब यह कतई नहीं है कि आप एड्स का शिकार हो गए हैं। एचआईवी संक्रमण से एड्स के लेवल तक आने में काफी टाइम लगता है। इसलिए अगर एचआईवी पॉजिटिव का पता चलते ही कुछ सावधानियां बरत ली जाएं तो एड्स से काफी हद तक बचने की संभावना रहती है। 

 

एचआईवी संक्रमण के होने के बाद शरीर में प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है, जिससे इंसान जल्दी जल्दी बीमारियों का शिकार होता चला जाता है। जब शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बिल्कुल खत्म हो जाती है तो उसी अवस्था को एड्स कहते हैं। जिसके बाद इंसान के बचने का कोई रास्ता नहीं बचता है। डॉक्टरों का कहना है कि एचआईवी पॉजिटिव होने से लेकर एड्स की चपेट में आने के बीच के समय को दवाईयों और इलाज से बढ़ाया जा सकता है। 

इन माध्यमों से फैलता है एड्स 

संक्रमित खून चढ़ाने से एचआईवी पॉजिटिव होने का खतरा बढ़ जाता है।
एचआईवी पॉजिटिव महिला या पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बनाने से या फिर एक से ज्यादा सेक्सुअल पार्टनर होने से एड्स होने का खतरा रहता है। 
अगर कोई महिला पहले से एचआईवी पॉजिटिव है तो यह इन्फेक्शन उसके पैदा होने वाले बच्चे में भी आ सकता है।


worldbank.org के अनुसार, 2012 के सर्वे में 2.61 प्रतिशत महिला सेक्स वर्कर्स को एड्स हुआ। वहीं पुरुष के साथ सेक्स करने वाले 5.01 प्रतिशत पुरुषों को भी एड्स हुआ। 5.91 प्रतिशत नशीली दवाओं के इंजेक्शन लगाने वालों को और सबसे ज्यादा 18.80 प्रतिशत ट्रांसजेंडर्स को एड्स की बीमारी हुई।

 

2000 से अब तक एड्स के मामलों में तीन गुना इजाफा

यूनिसेफ की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2000 से अब तक एड्स से पीड़ित होने के मामलों में तीन गुना इजाफा हुआ है। करीब 10 लाख से अधिक पीड़ित किशोर सिर्फ छह देशों में रह रहे हैं और भारत उनमें एक है। बाकी देशों में दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया, केन्या, मोजांबिक और तंजानिया हैं। साल 2016 में एचआइवी ग्रस्त 3.67 करोड़ लोगों में से 1.95 करोड़ इसका उपचार ले रहे हैं।

 

 

एंटी-रेट्रोवायरल उपचार की ले रहे मदद 


पहली बार ऐसा है कि एड्स से संक्रमित आधे से ज्यादा लोग एंटी-रेट्रोवायरल उपचार ले रहे हैं। इससे एड्स के विषाणु का प्रभाव कम हो जाता है। बता दें कि 1992 में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन यानी नाको की स्थापना की गई। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में एआरटी सेंटर के प्रमुख डॉ. मनोज तिवारी ने बताया कि 74 प्रतिशत एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति कामकाज की जगह पर अपनी बीमारी की बात छिपाकर रखते हैं।

पिछले 4 साल में एचआईवी के आकंड़े

2016 में 30,787 लोगों की काउंसिलिंग किए जाने के बाद 27,860 की टेस्टिंग और 158 एचआईवी पॉजिटिव मिले
2015 में 29,739 लोगों में से 184 एचआईवी पॉजिटिव पाए गए
2014 में 30752 लोगों में 144 एचआईवी पॉजिटिव मिले
2013 में 27576 लोगों में से 145 एचआईवी पॉजिटिव मिले

 

आज इस विश्व एड्स दिवस के मौके पर पुरी के मशहूर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने एक सैंड आर्ट बनाई है। इस कारनामे के बल पर उन्होंने अपना नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में दर्ज करा लिया है। पटनायक रेत पर बनाई अपनी कलाकृतियों के माध्यम से अलग-अलग सामाजिक संदेश देते रहते हैं। उन्हें पद्मश्री से भी नवाजा जा चुका है। विश्व एड्स दिवस से एक दिन पहले गुरुवार को ओडिशा के पुरी तट पर एक विशाल रिबन बनाया।

 

 

Created On :   1 Dec 2017 9:51 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story