ये पौधे हैं वरदान, करते हैं छोटी-बड़ी हर बीमारी का इलाज
डिजिटल डेस्क,भोपाल। दुनिया में कई ऐसी चीजें है जो आज भी हजारों सालों से धरती पर जीवित हैं। जिनमें से एक हैं पेड़-पौधे, ये एक ऐसी जीवित वस्तु हैं जिसके बिना जीवन की कल्पना भी संभव नहीं हैं। पेड़-पैधों में इंसानों को केवल जीवन देते नहीं बल्कि अक्सर यही इंसान को मौत के मुंह से बताते भी हैं। पेड़-पौधों में से कुछ खास वनस्पति,जड़ी-बूटी और औषधिय युक्त होते हैं जनिका इस्तेमाल दवाओं की तरह किया जाता हैं। आइए जानते हैं कि वो कौनसे पेड़-पौधे हैं जो बीमारी के वक्त दवाओं की तरह काम करते हैं।
मलेरिया की दवा सिनकोना पौधा
WHO ने उपयोगी दवाओं की जो सूची तैयारी की है, उनमें कुनैन को भी रखा है। दक्षिण अमेरिका में पाए जाने वाले सिनकोना पौधे की छाल से प्राप्त होता है कुनैन। लंबे समय तक मलेरिया को ठीक करने के लिए इसका इस्तेमाल होता रहा है।
अस्थमा में फायदा पहुंचाता है काउस्लिप फूल
घंटियों के आकार वाले ये पीले काउस्लिप फूल निश्चित तौर पर आकर्षक हैं, लेकिन खूबसूरत होने के अलावा ये फूल गुणकारी भी हैं। आमतौर पर यूरोप और पश्चिमी यूरोप में पाये जाने वाले ये फूल अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों में फायदा पहुंचाते हैं।
पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है गुआराना
ब्राजील में अमेजन के इलाके में उगने वाली गुआराना की बेल से ड्रिंक तैयार होता है, जिसे लोग शौक से पीते हैं। इस बेल पर लगने वाली छोटी छोटी लाल बेरीज़ में कैफीन होता है। पेट से जुड़ी कई समस्याओं से निपटने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है।
किडनी की बीमारियों में लाभकारी हैं अफ्रीकी चेरी
इस पौधे की छाल को बहुत गुणकारी माना जाता है। केन्या में पारंपरिक इलाज में इसका खूब इस्तेमाल होता है। मलेरिया से लेकर पेट और किडनी की बीमारियों तक में यह फायदा पहुंचाता है, लेकिन प्रॉस्टेट कैंसर के इलाज के लिए इसका खासतौर से इस्तेमाल होता है।
इम्यून सिस्टम को बनाए मजबूत जिनसेंग
जिनसेंग सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली जड़ी बूटियों में से एक है। इसकी जड़ों को एशिया और उत्तर अमेरिका में कई बीमारियों के इलाज में प्रयोग किया जाता है। प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने और थकान से निपटने के लिए यह बहुत गुणकारी माना जाता है।
एंटी सेप्टिक गुणों से भरपूर है वेटिवर घास
भारत में पाई जाने वाली वेटिवर घास पारंपरिक दवाओं में इस्तेमाल होती है। अपने ऐंटीसेप्टिक गुणों के कारण यह क्रीम और साबुन बनाने में प्रयोग होती है। साथ ही धरती के कटाव को भी रोकती है। इसे आप पशुओं को भी खिला सकते हैं और इससे थैला और चटाई भी बना सकते हैं।
Created On :   14 Sept 2017 1:38 PM IST