इस तरह से योग करना हो सकता है खतरनाक
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। योग हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का एक जरिया है। सकारात्मक परिवर्तन के लिए पिछली आदतों को बदलना बहुत जरूरी होता है। लेकिन कई बार योगासन को ध्यान से करने की बजाए हम उसे अपनी आदत में डाल लेते हैं। अक्सर हम आसन का अभ्यास साइकिल चलाने की तरह करते हैं, इस वजह से हम अपनी परिवर्तनशील क्षमता का एक बड़ा हिस्सा खो देते हैं। मतलब, उस कार्य को करने के आदि हो जाते हैं जिसे हम बिना जागरूकता के साथ भी बार-बार कर सकते हैं।
आज की दुनिया में कॉम्पीटीशन और आगे बढ़ने की चाह सभी को है। ज्यादातर लोग पैसा या भौतिक सुखों के पीछे भाग रहे हैं। इस दुनिया में हर चीज पैसों से ही तौली जा रही है। आगे बढ़ने की जल्दबाजी के कारण इंसान के मन में शांति और सुकून दूर-दूर तक नहीं है। योगासन का अभ्यास आपको शारीरिक रूप से ही स्वस्थ नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ बनाए रखता है।
योग के अभ्यास के लिए सांस और शरीर दोनों के बीच सम्बंध होना बहुत जरूरी होता है। अपना पूरा ध्यान सांस और शरीर पर लगाने से दोनों का ही एक-दूसरे पर प्रभाव पड़ता है। ये अभ्यास करने के दौरान आप ध्यान नहीं लगा पा रहे है तो थोड़ा रुक कर ये सोचें कि आखिर क्यों आपका मन नहीं लग रहा है। योग को बिना गहराई से जाने उसका अभ्यास करना बेकार है।
योग का मतलब जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना है न कि शरीर को परेशानी में डालना या कोई नुकसान पहुंचाना। उदहारण के तौर पर शीर्षासन या कोई भी आसन करना आसान है वही भीड़ में ध्यान लगाकर कोई काम करना या मन लगाकर पढ़ाई करने में मुश्किल होती है।
योगासन की सही जानकारी हमारे लिए जरूरी है। जागरूकता हमें ये समझने में मदद करती है कि हमें किस प्रकार बदलाव लाने की जरूरत है। इसीलिए आसन को बहुत मान्यता दी गयी है। इसीलिए योग को आदत की तरह नहीं बल्कि पूरी जागरूकता के साथ करने की जरूरत है। तभी ये हमारे जीवन में परिवर्तन लाने में मदद करेगा। इतना ही नहीं हमारे स्वास्थ के लिए और बॉडी के लचीलेपन के लिए आसन करते वक्त दिमाग और मन एक ही जगह केंद्रित होना बहुत जरूरी है।
Created On :   24 March 2018 1:09 PM IST