जानिए क्या होता है ये कार्डियक अरेस्ट, जिसने ली श्रीदेवी की जान ?
डिजिटल डेस्क । बॉलीवुड एक्ट्रेस श्रीदेवी का शनिवार रात निधन हो गया है। उनकी मौत की खबर से हर कोई सदमे में है। श्रीदेवी का दुबई में कार्डियक अरेस्ट (हृदय गति रुकने) से निधन हो गया। सभी ये जान कर हैरान है कि आखिर इतनी फिट एक्ट्रेस को हार्ट अटैक कैसे आ सकता हैं। असल में लोगों की ये धारणा है कि मोटे और खान-पान में लचर रहने वाले लोगों को ही दिल की बिमारी, हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट हो सकता है, लेकिन श्रीदेवी के हार्ट अटैक से सभी के मन में ये सवाल उठ रहा है कि अपने फिटनेस के लिए सुर्खियां बटोरने वाली अदाकारा को कैसे हार्ट अटैक आ सकता है? आखिर कार्डियक अरेस्ट के क्या लक्षण होते हैं और इसका बचाव कैसे किया जा सकता है?
कार्डियक अरेस्ट अक्सर बिना चेतावनी के अचानक होता है। ये दिल में एक इलेक्ट्रीकल मलफंक्शन (विद्युतीय खराबी) के कारण होता है, इससे दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है। ऐसी स्थिति तो arrhythmia कहते हैं। दरअसल जब दिल धड़कता है तो उससे वैद्युत संवेग पैदा होता है, जिसकी मदद से शरीर में रक्त का संचार होता है। धड़कन अनियंत्रित होने पर शरीर में रक्त का संचार कभी तेजी से होता है तो कभी धीमी गति से, ऐसे में शरीर के बाकी हिस्सों जैसे कि फेंफड़े और दिमाग आदि पर असर पड़ता है। इसके रुकने पर व्यक्ति का उसके दिमाग पर जोर नहीं रहता और वो व्यक्ति चेतना खो देता है और उसकी नब्ज बंद हो जाती है। अगर मरीज को तुरंत इलाज न मिले तो उसकी मौत हो जाती है।
कार्डियक अरेस्ट दिल का दौरा पड़ने के बाद या उसके इलाज के दौरान हो सकता है। दिल का दौरा अचानक होने वाले कार्डियक अरेस्ट का जोखिम बढ़ा देता है। ज्यादातर मामलों में दिल का दौरा पड़ने पर अचानक होने वाला कार्डियक अरेस्ट नहीं होता है, लेकिन जब कार्डियक अरेस्ट होता है तो इसके पीछे दिल का दौरा आम कारण होता है। दिल की दूसरी खराबियां भी कार्डियक अरेस्ट के लिए वजह बन सकती हैं। इनमें दिल की मांस-पेशियों का मोटा हो जाना (कार्डियोमायोपैथी), दिल का बंद होना, खून में ज्यादा मात्रा में फाइब्रोनिजन का पाया जाना, और लंबे समय तक क्यू-टी सिंड्रोम रहना शामिल है। क्यू-टी सिंड्रोम में भी दिल की धड़कन कभी तेज तो कभी धीमी पड़ जाती है।
क्या होता है साइलेंट हार्ट अटैक?
साइलेंट हार्ट अटैक को साइलेंट मायोकार्डियल इन्फ्रेक्शन silent myocardial infarction (SMI) कहा जाता है। इसमें किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक होने पर सीने में दर्द महसूस नहीं होता इससे हार्ट अटैक का पता नहीं चल पाता। हालांकि कुछ दूसरे सिम्प्टम्स महसूस होते हैं।
क्यों पता नहीं चलता है हार्ट अटैक के दर्द का?
कई बार ब्रेन तक दर्द का अहसास पहुंचाने वाली नसों या स्पाइनल कॉर्ड में प्रॉब्लम के कारण या फिर साइकोलॉजिकल कारणों से व्यक्ति दर्द की पहचान नहीं कर पाता। इसके अलावा ज्यादा उम्र वाले या डायबिटीज के पेशेंट्स में ऑटोनॉमिक न्यूरोपैथी के कारण भी दर्द का अहसास नहीं होता है।
साइलेंट हार्टअटैक के 5 सिम्प्टम
- गैस्ट्रिक प्रॉब्लम पेट की खराबी
- बिना वजह सुस्ती और कमजोरी
- थोड़ी सी मेहनत में थकान लगना
- अचानक ठंडा पसीना आना
- बार-बार सांस फूलना
- साइलेंट हार्ट अटैक के 5 कारण
- ज्यादा ऑयली फैटी और प्रोसेस्ड फूड
- फिजिकल एक्टिविटी न करना
- शराब और सिगरेट पीना
- डायबिटीज और मोटापा
- साइलेंट हार्ट अटैक से बचाव के 5 उपाय
- डाइट में सलाद वेजिटेबल्स ज्यादा शामिल करें।
- रेग्युलर वॉक एक्सरसाइज योगासन करें।
- सिगरेट शराब जैसे नशे से दूर रहें।
- खुश रहने के साथ स्ट्रेस और टेंशन से बचें।
- रेग्युलर मेडिकल चेक-अप करवाएं।
Created On :   26 Feb 2018 9:40 AM IST