वर्ल्ड एड्स डे : ऐसे पहचानें HIV के शुरुआती लक्षण, लोगों को करें जागरूक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर साल 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य दुनियाभर के लोगों को एड्स के प्रति जागरुक करना होता है। जागरुकता के तौर पर लोगों को विभिन्न माध्यम से बताया जाता है कि HIV-एड्स कभी छूने, साथ खाना खाने या फिर हाथ मिलाने से नहीं फैलता। हालांकि एड्स एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसका अभी तक कोई इलाज सामने नहीं आया है। ऐसे में जागरुक रहकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं एड्स और एड्स दिवस से जुड़ी कुछ जानकारियां...
ऐसे हुई एड्स दिवस की शुरुआत
विश्व एड्स दिवस (World Aids Day) की शुरुआत अगस्त 1987 में जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर नाम के व्यक्ति ने की। वे जिनेवा, स्विट्जरलैंड में स्वास्थ्य संगठन, एड्स पर ग्लोबल कार्यक्रम (WHO) के लिए अधिकारियों के रूप में नियुक्त थे। इस दौरान जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर ने विश्व एड्स दिवस मनाने का सुझाव रखा। ये सुझाव WHO के ग्लोबल प्रोग्राम ऑन एड्स के डायरेक्टर जोनाथन मान के सामने रखा गया और उन्होंने इस दिन को मनाने पर विचार किया। इसके बाद 1 दिसंबर 1988 को विश्व एड्स डे के लिए चुना।
इतने लोग हुए शिकार
UNICEF की रिपोर्ट के मुताबिक एड्स से दुनिया भर में 36.9 मिलियन लोग HIV के शिकार हो चुके हैं। वहीं भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आकड़ों के अनुसार भारत में एचआईवी (HIV) के रोगियों की संख्या लगभग 2.1 मिलियन है। इसका एक बड़ा कारण ये कि एड्स से पीड़ित व्यक्ति को शुरुआती स्टेज में इस बीमारी का पता नहीं चल पाता। ऐसे में उसे इलाज करवाने में देर हो जाती है। इसलिए हर व्यक्ति को HIV के शुरुआती लक्षणों का पता होना बहुत आवश्यक है। आइए जानते हैं इनके बारे में...
ऐसे हो सकता है एड्स
HIV-एड्स छूने किसी से साथ खाना खाने या फिर हाथ मिलाने से नहीं फैलता, लेकिन दूसरी अन्य चीजों से सावधान रहने की आवश्यता है। असुरक्षित यौन संबंध के अलावा एड्स संक्रमित सुई, संक्रमित खून चढ़ाने से और HIV पॉजिटिव महिला के अजन्मे बच्चे को उसके मां से भी हो सकता है।
प्रमुख लक्षण
अधिक समय से बुखार रहना, थकान या कमजोरी होना, ठंड लगना, भूख कम लगना, गले में खराश रहना, सांस लेने में समस्या, पसीना आना, वजन घटना और स्किन प्रॉब्लम आदि एड्स के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं।
बुखार होना: यदि किसी व्यक्ति को रात को सोते समय पसीना आता है, जिससे रात की नींद टूट जाती है। इससे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने का संकेत मिलता है। एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति को दो से चार सप्ताह के लिए बुखार भी रह सकता है।
थकान: यदि किसी व्यक्ति को पिछले कई दिनों से बिना किसी काम किए कमजारी महसूस होती है या थकान लगती है तो यह भी एचआईवी के शुरूआती लक्षण हो सकते हैं।
गले में खराश रहना: यदि रोगी को बुखार के साथ उनके गले में भी तकलीफ होती है, तो ये भी HIV एड्स के शुरूआती सामान्य लक्षण हो सकते हैं। बुखार से पहले गले में खराश आ जाती है जिससे खाना खाने तथा कुछ भी निगलने में तकलीफ होती है और कई बार मुंह में अल्सर भी हो जाता है।
वजन घटना: वजन का घटना भी एड्स के लक्षणों में शामिल है। एड्स के रोगी का वजन अचानक नहीं घटता लेकिन धीरे धीरे घटने से सिस्टम पर तेजी से प्रभाव पड़ता है। ये सब जब होता है जब आप वजन घटाने की कोशिश भी नहीं करते, लेकिन यह लगातार घटता जाता है।
जोड़ों में दर्द: एड्स के प्रमुख लक्षणों में जोड़ों में दर्द होना भी शामिल है। इस लक्षण में रोगी के जोड़ों में लगभग 2 से 24 घंटे के बीच तक दर्द बना रहता है। इनमें कुछ लोगों को पीठ में दर्द और ऑस्टियोपोरोसिस की की भी शिकायत होती है।
Created On :   1 Dec 2018 10:26 AM IST