आपकी पसंदीदा चॉकलेट्स 30 साल बाद नहीं रहेगी
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। ग्लोबल वार्मिंग के बारे में तो हम सब बहुत बार सुन चुके हैं लेकिन कभी जेहन में ये नहीं आया था कि इसका असर हमारी फेवरेट चॉकलेट्स पर भी होगा। जी हां, हाल ही में हुई एक रिसर्च से पता चला है कि इस दुनिया में चॉकलेट अब बस कुछ ही बरसों की मेहमान है। या यूं कह लीजिए कि साल 2040 से 2050 के बीच कभी भी चॉकलेट्स दुनिया से खत्म हो जाएगी।
कोको के सारे पेड़ साल 2050 तक खत्म हो सकते हैं
कोको के पेड़ों से ही हमें स्वादिष्ट चॉकलेट मिलती है। इन पेड़ों को हरा भरा रखने के लिए ज्यादा बारिश की जरूरत पड़ती है। यूएस नेशनल ओशियनिक एंड एटमोस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार अगले 30
साल में धरती का तापमान 2.1 डिग्री सेल्सियस के ऊपर चला जायेगा। इतना बढ़ा हुआ तापमान कोको के वृक्षों के लिए सही नहीं है। इन पर तापमान बढ़ने का काफी बुरा असर पड़ेगा।
कोको के वृक्षों के लिए चाहिए होता है निश्चित तापमान
कोको के पेड़ उसी इलाके में पनपते हैं जहां पर ज्यादा उमस हो, हवाओं का तेज बहाव न हो और पूरे साल भर तापमान एक स्तर पर रहता हो। भूमध्य रेखा के आस-पास बसे देशों का तापमान इनके लिए परफेक्ट है।
इन अफ्रीकी देशों में कोको के पेड़ बहुतायत में होते हैं
घाना और कोटे डी आइवर ऐसे दो देश हैं जहां इन पेड़ो की उपज सबसे ज्यादा है। दुनिया की आधी से ज्यादा चॉकलेट्स यहीं से बनाई जाती है। अगर यूं ही तापमान का स्तर बढ़ता गया तो आज से 30 साल बाद यहां पर इन पेड़ों का नामो निशान तक नहीं रहेगा। माना तो ये भी जा रहा है कि इनकी खेती के लिए कोई और जगह ढूंढ ली जाए, लेकिन उन जगहों को पहले से ही जंगली जानवरो के लिए संरक्षित कर रखा गया है।
जेनेटिक मॉडिफिकेशन से शायद चॉकलेट्स बच जाए
आपके मन में जरूर ये बात उठ रही होगी कि अगर आने वाले वक्त में चॉकलेट गायब होने वाली है तो क्यों न हम अभी से इन्हें सहेजकर रख लें। वैसे इसकी कोई जरूरत नहीं है। वैज्ञानिको का कहना है कि वो अभी से ही इसका जेनेटिक मॉडिफिकेशन तैयार कर रहे हैं और इस तकनीक का नाम है "क्रिस्पर"। अगर ये तकनीक काम आ गई तो शायद हम चॉकलेट को बचा सकेंगे।
बदलते माहौल से सिर्फ चॉकलेट्स पर ही खतरा नहीं है
बढ़ते तापमान से होने वाले बदलावों का शिकार सिर्फ चॉकलेट ही नहीं होगी, इसके प्रकोप में कई और भी दूसरी चीजें आएंगी जो आपकी जुबान का स्वाद बढ़ाती हैं। जैसे- कॉफी, एप्पल, आलू और मटर। यही नहीं,कॉफी के लिए भी एक डेडलाइन बता दी गई है और वो है साल 2080.
Created On :   21 Feb 2018 2:52 PM IST