जेट एयरवेज के साथ सरकार की इमरजेंसी मीटिंग, एडवांस बुकिंग पर फिलहाल रोक नहीं

Suresh Prabhu orders emergency meet to discuss Jet Airways financial crunch
जेट एयरवेज के साथ सरकार की इमरजेंसी मीटिंग, एडवांस बुकिंग पर फिलहाल रोक नहीं
जेट एयरवेज के साथ सरकार की इमरजेंसी मीटिंग, एडवांस बुकिंग पर फिलहाल रोक नहीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जेट एयरवेज की एडवांस बुकिंग पर फिलहाल रोक नहीं लगाई जाएगी। जेट की नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ हुई बैठक में ये फैसला लिया गया है। इस मीटिंग में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अधिकारी भी शामिल हुए। मीटिंग में जेट एयरवेज को कैंसिलेशन की पूर्व सूचना यात्रियों को देने और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने का आदेश भी दिया है।

बता दें कि फिलहाल जेट एयरवेज के 119 में से केवल 41 विमान ऑपरेशनल है। जिसकी वजह से लगातार फ्लाइट कैंसिल की जा रही है। कैंसिलेशन, रीफंड और एडवांस बुकिंग की समस्याएं गंभीर होती जा रही है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। मीटिंग में जेट एयरवेज को साफ तौर पर कहा गया कि ग्रुप कैंसिलेशन होने पर जेट तुरंत पूरा पैसा रिफंड करें या फिर दूसरी फ्लाइट मुहैया कराए। वहीं जेट के कर्मचारियों की सैलरी न दिए जाने को लेकर भी मीटिंग में कहा गया है कि जेट तत्काल इस विषय को देखें। 

इससे पहले नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को नागरिक उड्डयन सचिव को निर्देश दिया कि जेट एयरवेज के वित्तीय संकट पर चर्चा के लिए एक आपातकालीन बैठक बुलाई जाए। सुरेश प्रभु का ये निर्देश एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स यूनियन के उस बयान के बाद आया था जिसमें कहा गया था कि जेट एयरवेज की फ्लालइट सेफ्टी खतरे में है क्योंकि उसके कर्मचारियों को पिछले तीन महीनों में वेतन का भुगतान नहीं किया गया है।

जेट एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन (JAMEWA) ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को लिखे एक पत्र में कहा, "वेतन का भुगतान न होने से कर्मचारियों को उनकी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी प्रभाव विमान इंजीनियरों की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर पड़ा है और वह ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से भारत और दुनिया भर में जेट एयरवेज की उड़ानों पर सुरक्षा का खतरा मंडरा रहा है।

सोमवार को, जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने पायलटों से कहा था कि उन्हें कंपनी की परेशानियों का समाधान करने के लिए थोड़ा और वक्त चाहिए। उन्होंने ये भी कहा था कि कर्मचारियों का लंबित वेतन का भुगतान उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता में है। गोयल ने कहा, वह चाहते है कि जल्द से जल्द एयरलाइन का ऑपरेशन स्थिर हो जाए।

बता दें कि जेट एयरवेज पर 8,200 करोड़ रुपए का कर्ज है। वह जनवरी से अब तक तीन बार डिफॉल्ट भी कर चुका है। कई महीनों से जेट ने सप्लायरों का भी पेमेंट नहीं किया है। गोयल ने कहा कि एयरलाइन के रणनीतिक साझेदार एतिहाद एयरवेज, जिसकी जेट में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है और एसबीआई के नेतृत्व वाले ऋणदाताओं के साथ बातचीत चल रही है।

जेट एयरवेज ने अनिश्चितताओं को देखते हुए 18 मार्च से अबू धाबी में अपने ऑपरेशन  बंद कर दिए हैं। अबू धाबी जेट एयरवेज के दो अंतरराष्ट्रीय हब में से एक है। इससे पहले, जेट एयरवेज के बोर्ड ने 14 फरवरी को एक बेलआउट प्लान को मंजूरी दी थी, जिसके तहत भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले ऋणदाता, 1 रुपए की मामूली कीमत पर एयरलाइन के ऋण को इक्विटी में परिवर्तित करके एयरलाइन के सबसे बड़े शेयरधारक बन जाएंगे।

Created On :   19 March 2019 5:41 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story