मणिपुर में हिंसा के खिलाफ एक्शन तेज, 1100 हथियार, 13,702 गोला-बारूद समेत 250 बम बरामद
- मणिपुर में हिंसा जारी
- सुरक्षाबलों ने किया आईईडी को निष्क्रिय
- प्रदेश में केंद्रीय सुरक्षाबलों की 84 कंपनियां तैनात
डिजिटल डेस्क, इंफाल। मणिपुर करीब 2 महीने से हिंसा की आग में जल रहा है। शासन-प्रशासन सुरक्षा के लिए हर कदम उठा रहा है। लेकिन अभी तक इसे रोकने में वो असफल ही रहे हैं। हिंसा की खबरें देश-दुनिया के तमाम मीडिया चैनल और अखबारों की सुर्खियां बनी हुई हैं। इस बीच खबर सामने आई हैं कि, उग्रवादियों के खिलाफ मणिपुर पुलिस और सुरक्षा बलों ने कार्रवाई तेज कर दी है। पिछले 24 घंटे में मणिपुर पुलिस और सुरक्षा बलों ने साझा अभियान चला कर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बनाए गए 12 बंकरों को नष्ट कर दिया है।
इस पूरे मामले की जानकारी खुद मणिपुर पुलिस ने दी है। पुलिस के मुताबिक, राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों ने तमेंगलोंग, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, चुराचांदपुर और काकचिंग जिलों में सर्च ऑपरेशन चलाया। जिसके दौरान उग्रवादियों द्वारा बनाए गए 12 बंकर मिले थे। जिसको फौरन ही तबाह कर दिया गया है। इसके अलावा पुलिस और सेना ने सर्च ऑपरेशन के तहत साहुमफाई गांव में एक धान के खेत में तीन 51 मिमी मोर्टार गोले, तीन 84 मिमी मोर्टार और आईईडी बरामद किया था। IED को बम निरोधक टीम की सहायता से नष्ट कर दिया गया है।
13,702 गोला-बारूद जब्त
मणिपुर पुलिस के मुताबिक, प्रदेश में स्थिति तनावपूर्ण है। लेकिन कुछ स्थानों पर स्थिति सेना और स्थानीय पुलिस के नियंत्रण में है। प्रशासन ने बताया कि, पिछले 24 घंटे में प्रदेश के अलग-अलग जिले में छिटपुट घटनाएं सामने आई हैं लेकिन राज्य के अधिकांश शहरों में स्थिति सामान्य है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 135 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन्होंने कर्फ्यू उल्लंघन, घरों में चोरी और आगजनी जैसे घटनाओं को अंजाम दिया था। पुलिस ने बताया कि अब तक कुल 1100 हथियार, 13,702 गोला-बारूद और विभिन्न प्रकार के 250 बम बरामद किए गए हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में फ्लैग मार्च, घेराबंदी और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। मणिपुर पुलिस जनता से अपील कर रही है कि वो प्रदेश में शांति बनाए रखे। किसी भी अफवाह का शिकार न हो। अगर ऐसी कोई परिस्थिति आती है तो कंट्रोल रूम 9233522822 पर सूचना दें ताकि तुरंत पुलिस और जवान एक्शन ले सके।
क्यों जल रहा है मणिपुर?
हाल ही में मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एमवी मुरलीधरन ने प्रदेश सरकार को एक आदेश दिया था। कोर्ट ने एन बीरेन सरकार से कहा था कि, वो मैतेई समुदाय को भी अनुसूचित जनजाति का दर्जा दे। कोर्ट के इस आदेश के बाद से ही कुकी समुदाय के लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया और प्रदेश के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन करते ही यह हिंसा की आग में तब्दील हो गई। जिसके चपेट में अब 120 से अधिक लोग आ चुके हैं। कोर्ट के आदेश पर सबसे ज्यादा ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) ने अपना विरोध जताया था। यूनियन ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ 3 मई को एक मार्च निकाला जिसके बाद से ही हिंसा भड़क गई और आज तक बदस्तूर जारी है।
120 जिंदगियां काल के गाल में समा गईं
इस हिंसा में 120 से ज्यादा लोगों ने अब तक अपनी जान गवां दी है। जबकि 3000 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। प्रदेश में स्थिति को नियंत्रण करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र बल की 84 कंपनियां राज्य में तैनात हैं। जबकि असम राइफल्स की 10 हजार से अधिक जवान मुस्तैदी से खड़े हैं फिर भी हिंसा की आग शांत नहीं हो रही है।
Created On :   26 Jun 2023 12:07 PM IST