पहलवानों का आंदोलन अटका पर सड़क पर उतरा किसान, जम्मू दिल्ली हाईवे जाम कर रखी ये मांग

पहलवानों का आंदोलन अटका पर सड़क पर उतरा किसान, जम्मू दिल्ली हाईवे जाम कर रखी ये मांग
  • किसानों ने 6 जून तक का दिया था अल्टीमेटम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में कई दिनों से चल रहा पहलवानों का आंदोलन फिलहाल टल गया है। किसान नेता राकेश टिकैत भी ये ऐलान कर चुके हैं कि उनके समर्थन में अब धरना प्रदर्शन तब ही होगा जब पहलवान चाहेंगे। इसके अगले ही दिन बड़ी संख्या में किसानों ने जम्मू दिल्ली हाईवे जाम कर दिया। हालांकि इस आंदोलन का पहलवानों से कोई संबंध नहीं है। हरियाणा के कुरूक्षेत्र में सूरजमुखी की खरीद एमएसपी पर करने की मांग को लेकर किसानों ने जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे पर ये आंदोलन शुरू किया है। माहौल के तनावपूर्ण होने पर पुलिस ने चारों तरफ बैरिकेडिंग कर दी है। प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने यहां थ्री लेयर सिक्योरिटी तैनात की है।

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता गुरनाम चढ़ुनी ने मीडिया से कहा कि, जब तक किसानो की सूरजमुखी को एमएसपी पर खरीदने की मांग पूरी नहीं की जाती तब तक नेशनल हाईवे पर जाम लगा रहेगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले हमारी सरकार के साथ एमएसपी को लेकर बैठक भी हुई थी, जिसमें कोई निर्णय नहीं हुआ था। क्योंकि सरकार ने हमारी मांग पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई थी। बता दें कि किसानों ने सरकार और प्रशासन को पहले ही 6 जून में नेशनल हाईवे जाम करने का अल्टीमेटम दिया था। आज अल्टीमेटम के आखिरी दिन जब सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया तो किसानों ने हाईवे को जाम कर दिया। किसान इतनी ज्यादा संख्या में थे कि वहां तैनात पुलिस बल भी उन्हें ऐसा करने से नहीं रोक पाया।

पुलिस की तैयारी हुई फेल

किसानों द्वारा 6 जून तक का अल्टीमेटम देने के बाद पुलिस प्रशासन ने किसानों के प्रदर्शन को रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। पुलिस ने बराड़ा चौक के दोनों ओर बैरिकेड लगाए थे। इसके अलावा वाटर कैनन और फायर ब्रिगेड और वॉटर कैनन की तैनाती भी की गई थी, ताकि प्रदर्शनकारी किसानों को रोका जा सके। लेकिन किसानों ने पुलिस की इन तैयारियों पर पानी फेरते हुए बराड़ा चौक की जगह मारकंडा ब्रिज की तरफ से हाईवे को जाम कर दिया।

क्यों हो रहा विरोध?

दरअसल, हरियाणा की खट्टर सरकार सूरजमुखी को भावांतर योजना के तहत खरीद करने को तैयार है, लेकिन किसान सरकार की इस नीति का विरोध कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस योजना से उनको प्रति क्विंटल एक हजार रूपये से ज्यादा का नुकसान हो रहा है। इसलिए वह एमएसपी पर खरीद की मांग कर रहे हैं।

Created On :   6 Jun 2023 6:02 PM IST

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