जनगणना 2024: सितंबर से शुरू हो सकती है जनगणना की प्रक्रिया, पहली बार जारी होंगे डिजिटल आकड़े

सितंबर से शुरू हो सकती है जनगणना की प्रक्रिया, पहली बार जारी होंगे डिजिटल आकड़े
  • भारत में हर 10 साल पर की जाती है जनगणना
  • देश में 2011 के बाद से नहीं हुई जनगणना
  • अगले महीने देश में शुरू हो सकती है जनगणना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आजादी के बाद से भारत में हर 10 साल में जनगणना कराई जाती है। आखिरी बार जनगणना 2011 में हुई थी, इस हिसाब से अगली जनगणना 2021 में होनी चाहिए थी। लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से इसे टाल दिया गया। अब भारत सरकार ने सितंबर में जनगणना शुरू करने का फैसला लिया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि अगर इस साल सितंबर में जनगणना शुरू होती है। तब इसे पूरा होने में करीब 18 महीने का समय लगेगा। इसके रिपोर्ट मार्च 2026 तक आने की उम्मीद है।

जनगणना में लगातार हो रहे देरी को लेकर कई अर्थशास्त्रियों और नीति निर्माताओं ने कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि इस देरी की वजह से कई अलग-अलग सांख्यिकीय सर्वेक्षणों की क्वालिटी पर असर हुआ है। जिनमें आर्थिक डेटा, महंगाई और रोजगार अनुमान से जुड़ा हुआ सर्वेक्षण भी शामिल हैं। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस बार जनगणना के लिए बजट में थोड़ी कटौती की है। सरकार ने 2024-25 के बजट में जनगणना के लिए केवल ₹1,309 करोड़ आवंटित किए हैं, जो कि 2021-22 में निर्धारित ₹3,768 करोड़ से काफी कम है। पिछले महीने कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस पर निराशा जताई थी कि ये स्वतंत्रता के बाद पहली बार है जब सरकार ने समय पर जनगणना नहीं करवाई।

क्या अलग होगा इस जनगणना में?

इस बार की जनगणना कुछ अलग तरीके से होगी। बात यह है कि इस बार ये पूरी तरह से डिजिटल होगी। यह देश की पहली डिजिटल जनगणना होगी। साथ ही इस बार की जनगणना में अब ट्रांसजेंडरों के लिए भी अलग कॉलम रहेंगे। इससे पहले सिर्फ पुरुष और महिला की गणना होती रही है।

इसमें जनगणना करने वाले घर-घर तो जाएंगे लेकिन हाथ से फॉर्म भरने की बजाए डिटेल्स को स्मार्टफोन और टैबलेट पर भरा जाएगा। नागरिकों को खुद अपनी जानकारी रजिस्टर करने का मौका मिलेगा। जिसके लिए उन्हें जनगणना पोर्टल पर मोबाइल नंबर डालकर लॉगइन करना होगा और आगे की डिटेल्स को फिल करना होगा। जनगणना की प्रक्रिया डिजिटल होने से इसके सटीक होने की उम्मीद काफी बढ़ जाएगी। माना जा रहा है कि अगर इस साल जनगणना होती है तो नरेंद्र मोदी सरकार को कई महत्वपूर्ण डाटा मिल सकते हैं।

देश के लिए जनगणना क्यों जरूरी है?

जनगणना एक ऐसा सर्वे होता है जिसमें देश की पूरी आबादी के बारे में डेटा जुटाया जाता है। इसमें लोगों से जुड़ी कई तरह की जानकारियां शामिल होती है। जैसे कि उनकी आयु, लिंग, शिक्षा, धर्म और उनका कारोबार। यह डेटा सरकार को रोजगार के अवसर पैदा करने और नई नीतियां बनाने में मदद करता है।

1.4 अरब की आबादी वाले देश में जनगणना का सही समय पर होना इसलिए जरूरी है। क्योंकि, साल 2011 के बाद अबतक 15 साल बीत गए हैं लेकिन अभी तक सरकार 2011 के आंकड़ों पर ही योजनाएं और नीतियां बना रही हैं। जो आज के लोगों की जनसंख्या पर कम प्रभावी हो रही हैं। साल 2023 में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बनकर चीन को पीछे छोड़ दिया था। ऐसे में अगर अभी भी सरकार योजनाएं और नीतियां साल 2011 के जनसंख्या के आंकड़ों पर बनाए तो शायद ही वो देश के सभी लोगों के पास पहुंच पाए।

Created On :   24 Aug 2024 5:56 PM IST

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