DRDO Ejection Seat Testing: भारत ने रचा नया कीर्तिमान, DRDO ने 800 किमी प्रति घंटे की स्पीड से किया नया परीक्षण, अब आसानी से बचेगी पायलट की जान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने नया कीर्तिमान रच दिया है। मंगलवार को चंडीगढ़ में लड़ाकू विमान की स्वदेशी एजेक्शन सीट का डीआरडीओ ने सफल परीक्षण कर लिया है। इस इजेक्शन सीट का इस्तेमाल पायलट, फाइटर जेट की तकनीकी खरीबी या फिर क्रैश से पहले अपनी जान बचाने के लिए करेगा। दुनियाभर की चुनिंदा कंपनियों ने इस सीट को बनाया है।
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ट्राइल के दौरान इतनी थी स्पीड
भारत के अधिकांश फाइटर जेट में मार्टिन-बेकर कंपनी की सीट लगाई है। इस सीट का ट्रायल 800 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार चंडीगढ़ स्थित डीआरडीओ टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी (TBRL) ने स्केप सिस्टम पर किया है। इस टेस्ट में कैनोपी सेवरेंस, इजेक्शन अनुक्रमण और पूर्ण एयरक्रू रिकवरी को मान्यता दी है।
यह परीक्षण कर चुके है ये देश
इस ट्रयल को ऑनबोर्ड और ग्राउंड आधारित इमेजिंग सिस्टम के जरिए कैप्चर किया गया था। इसे भारतीय वायु सेना (IAF) और इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन एंड सर्टिफिकेशन के अधिकारियों द्वारा देखा गया है। इसे टेस्ट को दुनिया के कुछ ही देश जैसे अमेरिका, रूस और फ्रांस ने किया है। अब इन देशों के लिस्ट में भारत भी शामिल हो गया है। इस परीक्षण से यह पता लगाया जाता है कि असल में पायलट की जान बचेगी या नहीं।
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केंद्रीय रक्षा मंत्री ने दी बधाई
इस परीक्षण के सफल होने के बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना, एडीए, एचएएल और इससे जुड़े उद्योग जगत को बधाई दी है। और रक्षा मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत स्वदेशी रक्षा क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होते जा रहा है।
डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. समीर वी कामत ने अपनी पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि यह परीक्षण तेजस और आगामी AMCA जैसे लड़ाकू विमानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण सफल था।
Created On :   2 Dec 2025 9:12 PM IST













