दिल्ली में इतनी जल्दी कैसे बढ़ा पानी का स्तर, जानिए इसके पीछे का कारण
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महज तीन की बारिश से ही राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। यमुना नदी फिलहाल खतरनाक लेवल से ऊपर बह रही है। जानकारी के मुताबिक, शहर में 1978 में आई बाढ़ से ज्यादा पानी आ चुका है। लेकिन इस स्थिति को देखते हुए यह सवाल उठना लाजमी है कि केवल तीन दिन की बारिश से ही दिल्ली के हालात इतने खराब कैसे हो गए?
इसकी वजह है हरियाणा के यमुनानगर में स्थित हथिनीकुंड बैराज, जहां पानी की मात्रा ज्यादा होने पर इसे यमुना नदी में छोड़ दिया जाता है। दरअसल, उत्तराखंड और हिमाचल में भारी बारिश के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ गया और हथिनीकुंड बैराज में भी पानी की सीमा पार हो गई। इसके चलते बैराज के गेट खोलने पड़े, जिसका असर फिलहाल दिल्ली में देखने को मिल रहा है।
अवैध निर्माण ने बढ़ाई टेंशन
इस बीच एक और सवाल है, जिसने प्रशासन से लेकर आम लोगों तक की टेंशन बढ़ाई हुई है। दरअसल, हथिनीकुंड बैराज दिल्ली से 180 किलोमीटर की दूरी पर है। इसलिए जब पानी छोड़ा जाता था तो उसे दिल्ली पहुंचने में समय लगता था, लेकिन इस बार ऐसा क्या हुआ, जो हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ते ही यमुना का स्तर अपने खतरनाक लेवल पर पहुंच गया। इसका कारण अतिक्रमण और अवैध निर्माण को माना जा रहा है।
हरियाणा से लेकर दिल्ली तक यमुना के किनारे कालोनियां बसने से नदी का प्रवाह क्षेत्र कम हो गया है, जिसके कारण पानी बहने के लिए बहुत कम जगह बची है। कम जगह में अधिक पानी होने के कारण इसकी गति बढ़ गई और हथिनीकुंड में पानी छोड़े जाने के साथ ही यह दिल्ली तक पहुंच गया। इस बीच दिल्ली में यमुना में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण के कारण इसके निचले इलाकों में जलभराव हो गया।
आपको बता दें कि दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में दो से तीन दिनों के भीतर हुई भारी बारिश ने भी समस्या बढ़ा दी है। अगर ये बारिश लम्बे समय होती तो धीरे-धीरे यमुना में पानी का स्तर बढ़ता, लेकिन कम समय में हुई ज्यादा बारिश ने दिल्ली और हरियाणा की मुश्किलें बढ़ा दीं।
Created On :   13 July 2023 2:42 PM IST