2+2 डायलॉग : इन पांच बातों से समझें भारत के लिए क्यों खास रही यह बैठक
- इस वार्ता में रक्षा समेत अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों से जुड़े समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
- बैठक में भारत और अमेरिका ने साथ काम करने की प्रतिबद्धता जताई है।
- भारत और अमेरिका के बीच गुरुवार को 2+2 वार्ता हुई।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच गुरुवार को 2+2 वार्ता हुई। इस वार्ता में रक्षा समेत अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों से जुड़े समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। दोनों देशों की ओर से दो-दो मंत्रियों के बीच हुई वार्ता में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अमेरिकी समकक्ष विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो और रक्षामंत्री जेम्स मैटिस के साथ बातचीत की। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मीटिंग के बाद एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत और अमेरिका ने साथ काम करने की प्रतिबद्धता जताई है। वहीं रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज की बैठक में भारत और अमेरिका ने शांति, समृद्धि और विकास को बनाए रखने के लिए एक दूसरे का हरसंभव सहयोग करने का फैसला लिया है। जानिए इस बैठक से जुड़े महत्वपूर्ण बातें:
1. COMCASA डील:
भारत और अमेरिका के बीच गुरुवार को 2+2 वार्ता के दौरान महत्वपूर्ण COMCASA सुरक्षा समझौता हुआ। COMCASA डील भारतीय सशस्त्र बलों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस समझौते के बाद भारत ऐसा पहला गैर-नाटो देश बन गया है जिसे अमेरिका ये सुविधा देने जा रहा है। COMCASA यानी कम्युनिकेशन कॉम्पेटिबिलिटी एंड सिक्यॉरिटी एग्रीमेंट चार आधारभूत समझौतों में से एक है जो अमेरिका अपने सहयोगियों और करीबी साझेदारों के साथ करता है। COMCASA समझौते के बाद अब अमेरिका अपनी संवेदनशील सुरक्षा तकनीकों को भी भारत को बेच सकेगा। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के हस्ताक्षर करने के बाद से ही समझौता लागू हो गया है। अगले 10 सालों तक ये लागू रहेगा।
2. NSG में भारत को सदस्यता दिलाने पर बातचीत
बैठक के बाद आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुषमा स्वराज ने बताया कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) में भारत को जल्द से जल्द सदस्यता दिलाने के मुद्दे पर भी दोनों देशों के बीच बातचीत हुई है। इसके साथ ही दोनों देशों ने अफगानिस्तान समस्या पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अफगानिस्तान नीति का स्वागत करता है और दोनों देश साथ मिलकर आतंक से लड़ रहे हैं। सुषमा स्वराज ने अमेरिका के सामने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को भी घेरा। उन्होंने कहा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी दोनों देश साथ काम करेंगे। रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच हॉटलाइन स्थापित होगी।
3. दाऊद इब्राहिम की मिलकर की जाएगी तलाश
2+2 वार्ता के दौरान US ने डी-कंपनी के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लेने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों पक्षों की ओर से जारी संयुक्त बयान में डी-कंपनी और उसके सहयोगियों जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिहाज से 2017 में शुरू की गई द्विपक्षीय वार्ता का भी जिक्र किया गया। दोनों देशों के बीच सहमति बनी कि दाऊद इब्राहिम को ढूंढ़ने में अमेरिका मदद करेगा। दाऊद के खिलाफ दोनों देश मिलकर सर्च अभियान चलाएंगे। बता दें कि दाऊद इब्राहिम को 2003 में ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित किया गया था। भारत के साथ ही वह अमेरिका के लिए भी मोस्ट वांटेड आतंकी है। अमेरिका ने उस पर 25 लाख डॉलर का ईनाम घोषित किया हुआ है।
4. 2019 में तीनों सेनाओं का साझा युद्धभ्यास
अगले साल यानि वर्ष 2019 में भारत और अमेरिका की तीनों सेनाओं का एक साझा युद्धाभ्यास किया जाएगा। भारत के ही पूर्वी तट पर ये अभ्यास किया जायेगा। इस युद्धभ्यास में दोनों देशों की थलसेना, वायुसेना और नौसेना हिस्सा लेंगी। अभी तक भारत इस तरह का इतना बड़ा और तीनों सेनाओं का साझा युद्धाभ्यास सिर्फ रूस के साथ करता था। पिछले साल ही रूस के वलाडिवोस्टोक में भारत और रूस की सेनाओं के बीच इंद्रा नाम का इस तरह का युद्धभ्यास किया गया था।
5. एच-1बी वीजा पर चर्चा
सुषमा स्वराज ने कहा, ‘‘मैंने अमेरिकी विदेश मंत्री से एच-1बी वीजा में प्रस्तावित बदलावों को लेकर संतुलित और संवेदनशील तरीके से विचार बनाने को कहा है, क्योंकि इससे लोगों से लोगों का संपर्क प्रभावित होगा जो द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती लाने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच दोस्ती के मद्देनजर भारतीयों का मानना है कि अमेरिका उनके हितों के खिलाफ कुछ नहीं करेगा। स्वराज ने कहा, ‘‘मैंने पॉम्पियो से कहा है कि वह यह सुनिश्चित करें कि लोगों का यह भरोसा कायम रहे।
Created On :   7 Sept 2018 12:56 AM IST