2जी मामला : 5 अक्टूबर से प्रतिदिन सुनवाई करेगा दिल्ली हाईकोर्ट

2G case: Delhi High Court will hear every day from October 5
2जी मामला : 5 अक्टूबर से प्रतिदिन सुनवाई करेगा दिल्ली हाईकोर्ट
2जी मामला : 5 अक्टूबर से प्रतिदिन सुनवाई करेगा दिल्ली हाईकोर्ट
हाईलाइट
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नई दिल्ली, 29 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ ईडी और सीबीआई की अपील के आधार पर 5 अक्टूबर से प्रतिदिन सुनवाई करने का निर्णय लिया है।

न्यायाधीश बृजेश सेठी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर अर्जी पर जल्द सुनवाई के लिए अनुमति देते हुए इस आशय के संबंध में आदेश पारित किया।

सभी आरोपियों और दोनों एजेंसियों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने 22 सितंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

सुनवाई के दौरान ईडी और सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने प्रस्तुत किया कि इस मामले की तत्काल सुनवाई के लिए पर्याप्त सार्वजनिक समय पहले बर्बाद कर दिया गया है और उन्होंने इस मामले को देख रहे न्यायाधीश सेठी के नवंबर में सेवानिवृत्ति से पहले त्वरित सुनवाई के लिए दबाव डाला।

वहीं आरोपियों के वकील ने जल्द सुनवाई के लिए याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपियों को जल्दबाजी के मामले में अपना पक्ष रखने के लिए आवश्यक समय नहीं मिलेगा, इस पर एएसजी ने कहा, एक न्यायाधीश हमेशा यह तय कर सकता है कि किसी मामले को सुनने के लिए कितना समय आवश्यक है .. यदि वास्तविक प्रयास किए जाते हैं और सहायता दी जाती है, तो इस मामले को तार्किक निष्कर्ष पर ले जाना संभव है।

कोर्ट ने जैन के सबमिशन की सुनवाई करते हुए टिप्पणी किया, सच को सामने लाने का काम मेरा है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर डाला कि उन्होंने पिछले चार वर्षो में दिल्ली हाईकोर्ट में किसी भी वकील को बहस करने से कभी नहीं रोका।

जैन ने अभियुक्तों के इस सबमिशन को खारिज कर दिया कि केस रिकॉर्ड भारी था और कोरोनावायरस महामारी के दौरान अभियुक्तों को आवश्यक सहायता संभव नहीं हो सकी।

आरोपियों ने सोमवार को ईडी और सीबीआई द्वारा दी गई दलीलों का विरोध किया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री ए.राजा की ओर से पेश अधिवक्ता मनु शर्मा ने तर्क दिया कि महामारी के बीच अपील पर तत्काल सुनवाई करने का कोई कारण नहीं था।

मुदित जैन और आशु अग्रवाल के साथ एडवोकेट विजय अग्रवाल, जो शाहिद बलवा और कई अन्य लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, उन्होंने भी दलीलों का विरोध किया। वकील ने कहा कि सीबीआई ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि बरी होने के खिलाफ उनकी अपील को अन्य अपीलों की तुलना में महत्व क्यों दी जाए।

दोनों एजेंसियों ने मार्च, 2018 में राजा और डीएमके नेता के.कनिमोझी सहित 2जी स्पेक्ट्रम मामले में सभी 18 आरोपियों को बरी करने के विशेष सीबीआई अदालत के 2017 के आदेश को चुनौती देने के लिए कोर्ट का रुख किया था।

करीब सात साल पहले यह घोटाला तब सामने आया था, जब तत्कालीन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने एक रिपोर्ट में कहा था कि तत्कालीन दूरसंचार मंत्री राजा, कम मूल्य पर 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस आवंटित करके सरकारी खजाने को 1,76,379 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार थे।

ट्रायल कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में असफल रहा है। हालांकि, फैसले ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को नकारा नहीं था, जिसमें कहा गया था कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए जारी किए गए लाइसेंस अवैध थे।

एमएनएस/एसजीके

Created On :   29 Sept 2020 7:01 PM IST

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