भारत की जेल में बंद हैं 5 पाकिस्तानी नागरिक, सजा पूरी फिर भी जेल में रहने को मजबूर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की जेल में में पांच पाकिस्तानी नागरिक कैद हैं, जिनकी सजा भी पूरी हो गई है, फिर भी वह जेल में ही रहने को मजबर हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन पाकिस्तानी नागरिकों की उनके ही देश में अपना नागरिक मानने से अस्वीकार कर दिया है। जिसके बाद उनके सामने नई मुसीबत आ गई है कि जाए तो कहां जाए। पाकिस्तानी नागिरक अलग-अलग समय पर गिरफ्तार किए गए थे और उन पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे। अह वे अपने देश वापस जाने के इच्छुक हैं, लेकिन पाकिस्तान की सरकार ने उन्हें अपना नागरिक मानने से इनकार कर दिया है। पांचों के नाम हैं मोहम्मद हसन, मोहम्मद कामिर, अब्दुल जफर, मोहम्मद हनीम, और मोहम्मद इद्रिस।
पाक सरकार ने नागरिक मानने से किया इंकार
हालांकि पाकिस्तान ने आतंकी गतिविधियों और दुनिया से अपने एजेंडे को छुपाने के मकसद से उन्हें अपना नागरिक मानने से मना कर दिया है। पाचों पाकिस्तानी नागरिक पिछले पांच साल से स्वदेश भेजे जाने का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि उनके परिवार के सदस्यों ने भी कहा कि वह पाकिस्तानी नागरिक हैं फिर भी पाक सरकार इनकार कर रही है। दिल्ली पुलिस के विदेशी क्षेत्रीय रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) में भी इन पांचों के पाक प्रत्यर्पण आदेश का इंतजार हो रहा है।
लामपुर जेल में ही रहना होगा
दिल्ली के नरेला स्थित लामपुर जेल में पांचों ने अपनी सजा पूरी कर ली है। एफआरआरओ के अधिकारियों ने नई दिल्ली में पाक उच्चायोग से कई बार बात करने की कोशिश की, उनकी नागरिकता के सबूत के साथ अनेकों पत्र लिखे लेकिन हर बार पाक ने उदासीनता दिखाई। पाक उच्चायोग ने उनकी पहचान की पुष्टि नहीं की है और इस कारण उन्हें भारत की जेल में ही रहना पड़ेगा। चूकि जिस तरह के अपराधों में पांचों को गिरफ्तार किया गया था, उन्हें सजा पूरी होने के बाद भी भारत सुरक्षा के नजरिए से छोड़ नहीं सकता है।
भारत में आजाद छोड़ना प्रोटोकॉल के खिलाफ
बता दें कि इनमें से तीन कराची और दो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘ये संदिग्ध जासूस हैं और अपने ऑपरेशन को पूरा करने भारत आए थे। पाकिस्तान के आतंकी शिविरों में इन्हें ट्रेनिंग दिया गया है।‘ उन्होंने आगे कहा, पाकिस्तान के पंजाब निवासी मोहम्मद हसन को 8 अक्टूबर 2012 को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था। लाहौर निवासी मोहम्मद कामिर को मेरठ में, दिल्ली गेट से 2009 में अब्दुल जाफर, 2012 में कानपुर से मोहम्मद इदरिस को गिरफ्तार किया गया, ये तीनों लाहौर के हैं। भारत में इन्हें आजाद छोड़ना प्रोटोकॉल के खिलाफ है, इसलिए बस इन कैदियों को अब इंतजार ही करना पड़ेगा कि कब पाकिस्तान इन सभी को देश के नागरिक की मान्यता देगा।
Created On :   5 Feb 2018 8:54 AM IST