भारत में 10 में से 8 लोगों को यकीन, जीवन में संतुष्टि उन्हें लंबे समय तक जिंदा रखेगी
- भारत में 10 में से 8 लोगों को यकीन
- जीवन में संतुष्टि उन्हें लंबे समय तक जिंदा रखेगी
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय कितने खुश हैं? लोगों को क्या चीज खुश करती है? वे खुशी को कैसे परिभाषित करते हैं? ऐसे समय में जब दुनिया कोविड-19 महामारी से जूझ रही है और भारत कोरोना मामलों में सबसे खराब देशों में से एक में बदल रहा है तो ऐसी परिस्थितियों में हर कोई मुस्कुराने और खुश रहने के कारणों की तलाश कर रहा है।
महामारी के बीच सीवोटर ने भारतीयों में खुशी के मापदंडों को ढूंढने (ट्रैक करने) का कार्य जारी रखा है और लोगों को किसी चीज से खुशी की प्राप्ति होती है, इसे समझने के लिए सीवोटर ने एक सर्वेक्षण किया है।
सर्वे के दौरान लोगों से प्रश्न पूछा गया, क्या आपको लगता है कि स्वस्थ जीवन प्रत्याशा जीवन की संतुष्टि पर निर्भर करती है? इस सवाल के जवाब में सर्वेक्षण में शामिल उत्तरदाताओं में से 61.3 प्रतिशत ने ²ढ़ता के साथ स्वस्थ जीवन को संतुष्टि के साथ जोड़ते हुए अपनी सहमति व्यक्त की।
इसके अलावा 14.8 प्रतिशत ने कुछ हद तक इस पर अपनी सहमति व्यक्त की और केवल 6.8 प्रतिशत ने इस पर ²ढ़ता से असहमति व्यक्त की, जबकि सभी उत्तरदाताओं में से 14 प्रतिशत अपने उत्तर के बारे में स्पष्ट नहीं थे।
अधिक महिलाओं ने सहमति व्यक्त की कि जीवन संतुष्टि उन्हें लंबे समय तक जीवित रखेगी। कुल 72.9 प्रतिशत पुरुषों ने सहमति व्यक्त की कि संतोष उन्हें लंबे समय तक जीवित रखेगा, वहीं 79 प्रतिशत से अधिक महिलाएं इस कथन से सहमत दिखीं।
इस मामले में धार्मिक समूहों में ईसाई अधिक असहमत दिखे। सर्वे में शामिल लोगों में से 25.2 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इस कथन से ²ढ़ता से असहमत रहे कि स्वस्थ जीवन प्रत्याशा जीवन की संतुष्टि पर निर्भर है। इसके बाद इस सिखों समुदाय के 15.1 प्रतिशत लोगों ने इस कथन से असहमति जताई।
सीवोटर द्वारा यह सर्वेक्षण दिल्ली स्थित एनजीओ जेंडर मेनस्ट्रीमिंग रिसर्च एसोसिएशन (जीएमआरए) के साथ मिलकर किया गया। इसे भारत में एक व्यापक खुशी सूचकांक (हैप्पीनेस इंडेक्स) विकसित करने के प्रयास के तहत किया गया।
Created On :   6 July 2020 9:31 PM IST