मरचुरी में रखा था शव, पोस्टमार्टम से पहले ही चलने लगी सांसें
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। यहां मरचुरी में रखे शव क ी पुन: सांस चलने लगने का मामला सामने आया है । दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल इस युवक को नागपुर के डाक्टरों ने यह कहकर वापस भेज दिया था कि उसका ब्रेन डेड हो चुका है । प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रोफेसर कॉलोनी निवासी भारद्वाज परिवार अपने जवान पुत्र हिमांशु की मौत का शोक मना रहा था, इसी दौरान परिवार के लोगों के पास चौकाने वाली खबर पहुंची कि मरचुरी में रखे हिमांशु की तो सांसें चल रही है। यह सुनकर परिवार के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं था। डॉक्टरों ने मरचुरी से हिमांशु को निकलवाकर अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती करवाया। जहां पर डॉक्टरों ने उसकी जांच की तथा परिजन हिमांशु को लेकर नागपुर चले गए। डॉक्टर सुभाष भगत ने बताया कि हिमांशु का ब्रेन डेड है, उसकी सांसे चल रही है।
- क्या रहा घटना क्रम
उमरेठ थाना अंतर्गत मुआरी हिंगलाज के समीप रविवार की दोपहर स्कार्पियों वाहन पलटने से तीन लोगों को चोट आई। जिसमें से हिमांशु पिता रामेश्वर भारद्वाज उम्र 30 वर्ष को गंभीर चोट आई। जिसे उपचार के लिए जुन्नारदेव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार तथा उसके बाद शहर के प्रायवेट आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया। हिमांशु की हालत काफी गंभीर थी तथा उसे बेहोशी की अवस्था में अस्पताल लाया गया था। आनंद अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार हिमांशु का ब्रेन डेड हो गया था। जिसे परिजन नागपुर के सीताबर्डी स्थित न्यूरॉन हॉस्पिटल ले गए। न्यूरॉन में उपचार के बाद डॉक्टरों ने हाथ खड़े करते हुए हिमांशु के परिजनों को यह कहकर वापस जाने के लिए कह दिया कि हिमांशु की हालत काफी खराब है ब्रेन डेड हो गया है, वह जितनी देर जी जाए। हार मानकर हिमांशु के परिजन उसे सोमवार की सुबह 4 बजे करीब हिमांशु को नागपुर से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां ड्यूटी डॉक्टर दिनेश ठाकुर ने हिमांशु का चेकअप कर उसे डेड घोषित कर दिया। 4.15 बजे हिमांशु को जिला अस्पताल के मरचुरी कक्ष में रखवा दिया गया था। साढ़े आठ बजे के करीब पुलिस की पंचनामा कार्रवाई के बाद जिला अस्पताल के डॉक्टर निर्णय पांडे तथा स्वीपर संजू सारवान पीएम के लिए मरचुरी कक्ष में पहुंचे। हिमांशु की पल्स चलते देख वह चौक गए, तुरंत उसे सर्जिकल में भर्ती कराया गया। जहां से उसके बाद परिजन पुन: नागपुर ले गए।
- स्वीपर भागा, दौड़कर दी डॉक्टर को सूचना
जिला अस्पताल में पदस्थ स्वीपर संजू सारवान जब सुबह मरचुरी कक्ष में पहुंचा तथा पीएम की सभी तैयारी पूर्ण कर ली गई, तभी उसकी नजर हिमांशु की गर्दन की पल्स पर पड़ी जिसे देखकर वह अवाक रह गया। उसने डॉ. निर्णय पांडे को हिमांशु की जीवित होने की सूचना दी। तत्काल दौड़कर आए डॉ. निर्णय पांडे ने हिमांशु को सर्जीकल वार्ड में भर्ती कराया तथा अन्य डॉक्टरों को सूचना दी।
- 4 घंटे रहा मरचुरी कक्ष में बंद
जिला अस्पताल के डॉक्टर द्वारा मृत घोषित होने के बाद सुबह 4.15 बजे हिमांशु को मरचुरी कक्ष में ले जाकर रखा गया। तकरीबन 4 घंटे हिमांशु मरचुरी कक्ष में बंद रहा। दूसरी तरफ हिमांशु के परिजन अस्पताल की पुलिस चौकी में उपस्थित होकर पंचनामा कार्रवाई में लगे हुए थे। पुलिस कर्मियों ने भी हिमांशु के पीएम की पंचनामा कार्रवाई पूरी कर ली तथा स्वीपर के साथ मरचुरी कक्ष में पहुंच गए थे।
- तैनात करना पड़ा भारी पुलिस बल
हिमांशु की मौत की खबर लगने के बाद परिजन उसके घर पर एकत्रित होने लगे थे। लेकिन अस्पताल से उसके जीवित होने की खबर जैसे ही घर व परिजनों तक पहुंची तो अस्पताल परिसर में जन समुदाय उमड़ पड़ा। आक्रोशित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने कोतवाली पुलिस को सूचना दे दी। अस्पताल में भारी संख्या में पुलिस बल हिमांशु के नागपुर रेफर होने तक मौजूद रहा।
जिला प्रशासन ने भी इस घटना पर नजर रखने नायब तहसीलदार को पहुंचाया था।
- ट्रांजियनल की स्थिति बनी
जिला अस्पताल के डॉक्टर प्रभारी सिविल सर्जन डॉ सीएस गेडाम ने बताया कि ब्रेन डेड की स्थिति में ऐसी कंडीशन बनती है। इसे ट्रांजियनल कहा जाता है। इसके अनुसार हार्ड व पल्स काम करना बंद कर देता है तथा बंद होने के बाद वह फिर से शुरू हो जाता है। ब्रेन डेड होने पर शरीर के अन्य हिस्सों से ब्रेन का संपर्क टूट जाता है। डॉ गेडाम ने यह भी बताया कि पूरे घटना की सिलसिले बार जानकारी जुटाने पर यह स्थिति ट्रांजियनल की लग रही है।
इनका कहना है।
- स्वीपर द्वारा सूचना दी गई कि जिस व्यक्ति का पोस्टमार्टम किया जाना है, उसकी सांसे चल रही है। जिसे तत्काल सर्जिकल वार्ड में भर्ती कराया गया। युवक के पीएम की तैयारी की जा रही थी।
डॉ. निर्णय पांडे, पीएम के लिए पहुंचने वाले डॉक्टर
-रास्ते में वापसी के दौरान सौंसर के समीप हिमांशु की पल्स बंद हो गई इसकी सूचना उनके डॉक्टर द्वारा जिला अस्पताल के डॉक्टर को दी गई । चेक करने पर अस्पताल के डॉक्टर दिनेश ठाकुर ने भी यह पाया था कि हिमांशु की पल्स नहीं चल रही है। जिसके बाद उसे डेड घोषित कर मरचुरी कक्ष में रखवा दिया गया। सुबह पीएम के समय पल्स आने की सूचना डॉ निर्णय पांडे द्वारा दी गई। उसे उपचार के लिए फिर नागपुर ले जाया गया है।
डॉ. सीएस गेडाम, प्रभारी सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
Created On :   5 March 2018 2:50 PM IST